आखिर हिंदू धर्म में क्यों लगाया जाता है तिलक? जानें इसके नियम और धार्मिक महत्व
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सनातन धर्म में माथे पर तिलक लगाना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह माथे पर लगाया जाने वाला एक छोटा-सा चिह्न होता है, जो कि पूजा अथवा अन्य धार्मिक अवसरों पर लगाया जाता है. तिलक लगाने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि धार्मिक अवसरों पर सभी लोगों को पहचान मिल जाए कि वे एक धर्म का हिस्सा हैं.
तिलक लगाना, हिंदू परंपरा में प्रयोग किया जाने वाला एक विशेष कार्य है. बिना तिलक लगाए ना तो पूजा की अनुमति होती है और ना ही पूजा संपन्न होती है. तिलक दोनों भौहों के बीच में अपने कंठ या नाभि पर लगाया जाता है. तिलक के द्वारा ये भी जाना जा सकता है कि आप किस संप्रदाय से संबंध रखते हैं. तिलक लगाने से स्वास्थ्य उत्तम होता है, मन को एकाग्र और शांत होने में मदद मिलती है.
तिलक लगाने के नियम
1. बिना स्नान किए तिलक ना लगाएं. 2. पहले अपने ईष्ट देव या भगवान को तिलक लगाएं, इसके बाद स्वयं को तिलक लगाएं. 3. अपने आप को अनामिका अंगुली से और दूसरे को अंगूठे से तिलक लगाएं.
तिलक लगाने के लाभ
1. चंदन का तिलक लगाने से एकाग्रता बढ़ती है. 2. रोली और कुमकुम का तिलक लगाने से आकर्षण बढ़ता है, आलस्य दूर होता है. 3. केसर का तिलक लगाने से यश बढ़ता है, काम पूरे होते हैं. 4. गोरोचन का तिलक लगाने से विजय की प्राप्ति होती है. 5. अष्टगंध का तिलक लगाने से विद्या बुद्धि की प्राप्ति होती है.
ग्रहों को मजबूत करने के लिए कौन सा तिलक लगाएं
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