
आखिर एक ही सीधी रेखा में क्यों बने हैं शिव के ये 7 मंदिर? जानें क्या है रहस्य
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केदारनाथ से रामेश्वरम् तक के अधिकतर और प्रमुख शिव मंदिर लगभग एक ही समानांतर रेखा पर स्थित हैं. इन दोनों ही ज्योतिर्लिंगों के बीच 7 ऐसे मंदिर हैं, जो कि अद्भुत और प्राचीन हैं. सबसे बड़ी बात यह कि ये सभी एक ही रेखा में बने हुए हैं. इनमें से पांच मंदिर पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
Mahashivratri 2023: मान्यताओं के अनुसार, उत्तराखंड के केदारनाथ और दक्षिण भारत के रामेश्वरम में बहुत ही गहरा संबंध है. ये दोनों ही मंदिर भगवान शिव के हैं. दोनों ही ज्योतिर्लिंग देशांतर रेखा यानी लॉन्गिट्यूड पर 79 डिग्री पर मौजूद हैं. इन दो ज्योतिर्लिंगों के बीच पांच ऐसे शिव मंदिर भी हैं जो सृष्टि के पंच तत्व यानी जल, वायु, अग्नि, आकाश और धरती का प्रतिनिधित्व करते हैं.
कैेसे एक सूत्र में बंधे हैं सातों मंदिर?
उत्तराखंड का केदारनाथ, तमिलनाडु के अरुणाचलेश्वर, थिल्लई नटराज, जम्बूकेश्वर, एकाम्बेश्वरनाथ, आंध्रप्रदेश के श्रीकालाहस्ती शिव मंदिर अंततः रामेश्वरम् मंदिर को सीधी रेखा में स्थापित किया गया है. माना जाता है कि श्रीकालाहस्ती शिव मंदिर जल, एकाम्बेश्वरनाथ मंदिर अग्नि, अरुणाचलेश्वर मंदिर वायु, जम्बूकेश्वर मंदिर पृथ्वी और थिल्लई नटराज मंदिर आकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन सभी मंदिरों को 79 डिग्री लॉन्गिट्यूड की भौगोलिक सीधी रेखा में बनाया गया है. इस रेखा को 'शिव शक्ति अक्ष रेखा' भी कहा जाता है.
इन मंदिरों का करीब 4,000 वर्ष पूर्व निर्माण तब किया गया था, जबकि स्थानों के अक्षांश और देशांतर को मापने के लिए कोई उपग्रह तकनीक ही उपलब्ध नहीं था. लेकिन ये सभी मंदिर यौगिक गणना के आधार पर बनाए गए हैं. इस रेखा के एक छोर पर उत्तर में केदारनाथ और दक्षिण में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग है. यह रेखा उत्तर को दक्षिण से जोड़ती है. ऐसा माना जाता है कि जब भी इन मंदिरों की स्थापना की गई, उसमें अक्षांश और देशांतर का पूरा ध्यान रखा गया होगा.
भारत का ग्रीनविच है उज्जैन
इन सभी मंदिरों के बीच में भारत का खास महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग जो उज्जैन में स्थापित है, वो मौजूद है. पश्चिमी देशों से पहले से उज्जैन में समय की गणना की अवधारणा हो चुकी थी. उज्जैन को भारत का सेंट्रल मेरिडियन माना जाता था. उज्जैन पृथ्वी आकाश की सापेक्षता में मध्य में माना जाता है. काल गणना के अनुसार शास्त्र में उज्जैन उपयोगी रहा है.

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