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आई एस जौहर: बंटवारे का दर्द, फिल्मों पर भी बैन, वो फिल्मेकर जिसने भारत-पाक के पीएम पर किया व्यंग्य
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हिंदी फिल्मों में व्यंग्य के जीनियस कहे जाने वाले इंद्र सेन जौहर उर्फ आई. एस.जौहर को लोग आज कम ही याद रखते हैं. मगर उनकी फिल्में व्यंग्य के मामले में एक लैंडमार्क हैं. अपने काम में जौहर ने इंदिरा गांधी से लेकर जुल्फिकार अली भुट्टो तक को टारगेट किया था. आये आपको बताते हैं कौन थे आई एस जौहर...
'दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल...' 1954 में आई फिल्म 'जागृति' के गाने की ये लाइन किसी भारतीय ने ना सुनी हो, ऐसा लगभग असंभव है. भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका का गुणगान करता ये गीत, वैसे तो फिल्म की कहानी के सन्दर्भ में ज्यादा सटीक अर्थ देता है.
लेकिन पॉलिटिकल चश्मे से देखें तो दशकों से इस गीत की एक प्रो-कांग्रेस छवि भी रही है क्योंकि आजादी के नायकों को अपना आइकॉन बनाने के मामले में इस पार्टी का दावा सीधा गांधी पर है. महात्मा गांधी के साथ-साथ पार्टी के एक और आइकॉन, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम भी इस गीत में आता है:
फिर एक ऐसा समय भी आया जब देश की आजादी में अपनी और अपने नायकों की भूमिका को याद दिलाते रहने वाली पॉलिटिकल पार्टी पर ही, आजाद लोकतंत्र का दम घोंटने के आरोप लगे. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की लगाई इमरजेंसी और उसी बीच नसबंदी जैसा फैसला, आज भी कांग्रेस की आलोचना का कारण बनता है.
इमरजेंसी हटने के बाद इस फैसले की आलोचना पर कोई चर्चा, 1978 में आई फिल्म 'नसबंदी' के बिना नहीं पूरी हो सकती. इस फिल्म में एक गाना था 'क्या मिल गया सरकार' जो पुरुषों की जबरन नसबंदी करवाने के फैसले पर तगड़ा व्यंग्य था. इस गाने की कुछ लाइनें देखें:
मन्ना डे और महेंद्र कपूर के गाए इस गाने की धुन बहुत थोड़े बहुत बदलावों के साथ लगभग 'दे दी हमें आजादी' वाली है. एक पार्टी की आलोचना के लिए, उस पार्टी से जोड़े जाने वाले सबसे आइकॉनिक गीत को ही आलोचना का हथियार बना देने का आईडिया किसका था जानते हैं? हिंदी फिल्मों में व्यंग्य के जीनियस कहे जाने वाले इंद्र सेन जौहर उर्फ आई. एस.जौहर का.
16 फरवरी 1920 को झेलम जिले के तलागंग शहर (अब पाकिस्तान में) में जन्मे इंद्र सेन जौहर 50s के दौर में फिल्मों में आए थे. एल. एल. बी. के साथ-साथ अर्थशास्त्र और राजनीति में एम. ए. करने वाले जौहर, अपने दौर में इंडस्ट्री के सबसे पढ़े-लिखे कलाकारों में से एक थे. बतौर एक्टर, राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर जौहर ने करीब 60 फिल्मों में काम किया.
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