असम में बाढ़ से बिगड़ी स्थिति, 32 जिलों में 31 लाख लोग प्रभावित, 25 की मौत, 8 अब भी लापता
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को राज्य में मौजूदा बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली और केंद्र सरकार से हर तरह की मदद का आश्वासन दिया.
असम में बाढ़ की स्थिति शनिवार को खतरनाक स्तर पर पहुंच गई. बाढ़ ने चार बच्चों सहित आठ और लोगों की जान ले ली. बाढ़ से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है. बता दें कि राज्य में इस साल बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या 62 हो गई है. दूसरी ओर, आठ अन्य लोग लापता हैं. चार लोग होजई जिले से जबकि अन्य चार बजली, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, कोकराझार और तामूलपुर जिलों से लापता हैं. उधर, राज्य के 32 जिलों में करीब 31 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का बाढ़ का पानी 4,291 गांवों में घुस गया है और 66455.82 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है.
बारपेटा में जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि यहां के ग्रामीण यह कहकर अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं थे कि उनके घरों में बहुत सारा कीमती सामान है, लेकिन हम किसी तरह उन्हें अपने घर खाली करने के लिए मनाने में कामयाब रहे और अब हम उन्हें राहत शिविरों में ले जाने की व्यवस्था कर रहे हैं.
आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है: अधिकारी
अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से प्रभावितों के लिए खाना और अन्य जरूरी सामानों की व्यवस्था पहले से कर ली गई है. पास के भूटान में जल स्तर बढ़ रहा है इसलिए हमारा जिला भी प्रभावित हो रहा है और आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है.
जानकारी के मुताबिक, राज्य के 21 जिलों में बनाए गए 514 राहत शिविरों में 1.56 लाख से अधिक प्रभावितों ने शरण ली हुई है. प्रभावित जिलों में बजली, बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, दीमा-हसाओ, गोलपारा, गोलाघाट, होजई, कामरूप, कामरूप (एम), कार्बी आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, दक्षिण सलमारा, तामूलपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी शामिल है. नलबाड़ी में एक बाढ़ पीड़ित ने कहा कि हम पिछले 3-4 दिनों से बाढ़ के पानी में डूब रहे हैं और हमारे घर भी बह गए हैं. जिला प्रशासन की ओर से कोई हमारी मदद के लिए नहीं आया है. हमें कोई खाना नहीं दिया जाता है, मैं पिछले चार दिनों से भूखा हूं.
राहत-बचाव कार्य में सेना के साथ जुटीं रेस्क्यू टीमें
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