
असद के भागते ही सीरिया में आसमान से बरस रहे गोले, जानिए क्यों इजरायल-अमेरिका और तुर्की कर रहे बमबारी
AajTak
इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने सोमवार को कहा कि उनके देश ने सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हथियारों के ठिकानों को निशाना बनाया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हमलों का उद्देश्य इन हथियारों को शत्रुतापूर्ण हाथों में जाने से रोकना था.
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद का तख्तापलट हो चुका है और विद्रोही बलों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया है. बशर अल-असद 13 साल के गृहयुद्ध के बाद देश छोड़कर जा चुके हैं. विद्रोहियों के इस्लामिक स्टेट के साथ संबंधों को देखते हुए, पश्चिमी देश सावधान हो गए हैं. इन देशों को डर है कि कहीं सीरियाई हथियारों के विशाल भंडार और सामरिक स्थलों पर दुश्मन का कब्जा ना हो जाए.
पिछले हफ्ते ही सीरिया में प्रमुख लक्ष्यों पर दर्जनों हवाई हमलों की खबर आई. यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने कहा कि उसने ISIS के प्रमुख चेहरो, गुर्गों और शिविरों को निशाना बनाकर 75 से अधिक ठिकानों पर हमला किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि असद के शासन के अंत के बाद पैदा हुई अराजक स्थिति का आईएसआईएस लाभ न उठा सके.
सोर्स: लाइवयूमैप, आईएसडब्ल्यू, मीडिया रिपोर्ट (नोट: मैप पूरा नहीं है)
इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने सोमवार को कहा कि उनके देश ने सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हथियारों के ठिकानों को निशाना बनाया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हमलों का उद्देश्य इन हथियारों को शत्रुतापूर्ण हाथों में जाने से रोकना था.
यह भी पढ़ें: 84 साल पुरानी दुश्मनी, तानाशाह का आतंक और खूनी खेल... नरसंहार जिसमें खून से लाल हो गया था सीरिया का हमा शहर
इंडिया टुडे के मैप के अनुसार, इज़रायल, अमेरिका और तुर्की द्वारा किए गए हवाई हमले सीरिया में प्रमुख सैन्य ठिकानों के पास या उन पर किए गए हैं, जिसका उद्देश्य उन पर ISIS द्वारा कब्ज़ा किए जाने से रोकना था. असद को ईरान और रूस के साथ-साथ लेबनानी आतंकवादी समूह हिज़्बुल्लाह से अहम समर्थन मिला था. अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश विद्रोही गठबंधन के प्रमुख समूह, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) को एक आतंकवादी संगठन मानते हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमलोग जल्द ही रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं- वे हमलोग पर चार्ज करते हैं, हम उन पर चार्ज करेंगे. चाहे वो कंपनी हो या एक देश, जैसे कि चीन और इंडिया. हम फेयर होना चाहते हैं इसलिए संयुक्त राज्य अमेरिका भी वही टैरिफ लगाएगा जो भारत और चीन जैसे अन्य देश अमेरिकी वस्तुओं पर लगाते हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जोहान्सबर्ग में G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि भारत और चीन ने ध्रुवीकृत वैश्विक स्थिति के बावजूद G20 की एकता बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की है. इस द्विपक्षीय बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी दोनों देशों के सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.

चीन में युवाओं का शादी से मोहभंग हो गया है. वर्ष 2013 से 2024 के बीच शादियों की दर 50% से भी कम हो गई है. युवाओं को लगता है कि शादी खर्चीला काम है और इससे जेब पर बोझ बढ़ता है. काम का दबाव, बेरोजगारी का डर और बढ़ती महंगाई प्रमुख कारण हैं. सरकार कैश इनाम देकर शादियों को बढ़ावा दे रही है, लेकिन युवा तैयार नहीं हैं. इसके विपरीत, भारत में शादियों का बाजार लगातार बढ़ रहा है और युवा लोन लेकर भी शादियां कर रहे हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने US एजेंसी फोर इंटरनेशनल डेवलेपमेंट को खत्म करने का दावा करते हुए कहा है कि भारत के चुनावों को प्रभावित करने के लिए 21 मिलियन डॉलर भेजे गए. इस मामले के उजागर होने के बाद भारत में राजनीतिक माहौल गरमा गया है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

न्यूजीलैंड की अदालत ने इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह के भतीजे बलतेज सिंह को 22 साल की सजा सुनाई है. उसे 700 किलोग्राम मेथ ड्रग रखने के आरोप में दोषी ठहराया गया है. बलतेज को नाम न बताने की इजाजत भी कोर्ट से मिली है, और यही वजह है कि उसके वकीलों ने उसके नाम को दोषी के रूप में गुप्त रखा है. इस बीच पंजाब में उसके रिश्तेदारों ने इस खबर को