
अर्थशास्त्र में महत्वपूर्ण खोज के लिए तीन इकोनॉमिस्ट को मिला पुरुस्कार, जानिए कौन हैं
AajTak
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने तीन प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों को अल्फ्रेड नोबेल की याद में स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार 2024 प्रदान किया है. पुरस्कार पाने वालों में कैम्ब्रिज, यूएसए में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से डेरॉन ऐसमोग्लू और साइमन जॉनसन और शिकागो विश्वविद्यालय, IL, USA से जेम्स ए. रॉबिन्सन शामिल हैं.
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 2024 के अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा की है, जो डारोन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन को प्रदान किया गया है. यह पुरस्कार उन्हें इस शोध के लिए मिला है, जिसमें उन्होंने संस्थानों के गठन और उनके समाज की खुशहाली पर पड़ने वाले प्रभावों को समझाया है. इस घोषणा ने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में गहरी चर्चाओं को जन्म दिया है, जहां इनके महत्वपूर्ण योगदान की व्यापक सराहना की जा रही है.
इन्हें इस अभूतपूर्व शोध के लिए सम्मानित किया गया है कि कैसे संस्थान किसी राष्ट्र की समृद्धि को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उनका काम इस बात को दर्शाता है कि सामाजिक संस्थाएं किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास और दीर्घकालिक विकास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. संस्थानों का गठन कैसे होता है और उनका क्या प्रभाव होता है, इसका अध्ययन करके पुरस्कार विजेताओं के निष्कर्ष विकास और समृद्धि के लिए आवश्यक परिस्थितियों के बारे में जरूरी जानकारी प्रदान करते हैं. इस रिसर्च से भी सामने आया है कि कुछ देश विकसित और कुछ देश विकासशील क्यों है.
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने पुरस्कार प्रदान करते हुए बताया कि कैसे ऐसमोग्लू, जॉनसन और रॉबिन्सन का काम हमें किसी देश की समृद्धि और व्यापक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के लिए अच्छी तरह से काम करने वाली संस्थाओं के मौलिक महत्व को समझने में मदद करता है. आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार के लिए समिति के अध्यक्ष जैकब स्वेन्सन कहते हैं, "देशों के बीच आय में भारी अंतर को कम करना हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. पुरस्कार विजेताओं ने इसे हासिल करने के लिए सामाजिक संस्थाओं के महत्व को प्रदर्शित किया है."
कौन हैं तीनों इकोनॉमिस्ट?
डारोन ऐसमोग्लू, तुर्की-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं जिनका मूल संबंध अर्मेनिया से है. वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में एलिजाबेथ और जेम्स किलियन प्रोफेसर के रूप में अर्थशास्त्र पढ़ाते हैं. 1993 से MIT से जुड़े ऐसमोग्लू ने अपने शोध में राजनीतिक और आर्थिक संस्थाओं के प्रभावों को गहराई से समझने का प्रयास किया है. उनके शोध में यह दिखाया गया है कि संस्थाएं किस तरह विकास और समृद्धि को प्रभावित करती हैं. साथ ही, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन भी प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था की जटिलताओं को समझने में उल्लेखनीय योगदान दिया है.
बता दें कि इस पुरस्कार को आधिकारिक तौर पर अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार नाम दिया गया है, जिसके तहत 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन का पुरस्कार दिया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि वह कौन थे?

टेक दुनिया के दिग्गज एलन मस्क एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार मामला न तो किसी नई टेक्नोलॉजी का है और न ही स्पेस एक्सप्लोरेशन का, बल्कि उनकी पर्सनल लाइफ को लेकर है. इन्फ्लुएंसर एशले सेंट क्लेयर ने मैनहट्टन सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर दावा किया है कि एलन मस्क उनके पांच महीने के बेटे के जैविक पिता हैं.

आस्था का महारिकॉर्ड बनाकर, श्रद्धा का अद्भुत दर्शन करा कर अब महाकुंभ विदा लेने को हैं. 144 वर्ष बाद ये संयोग बना था जिसे श्रद्धालुओं के अटूट विश्वास ने ऐतिहासिक बना दिया. लेकिन इस धार्मिक आयोजन को लेकर राजनीति भी जारी है. विपक्ष ने व्यवस्था और गंगा जल की शुद्धता पर सवाल उठाए, तो सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया. देखें ये स्पेशल बुलेटिन.

शिवराज सिंह ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद थी कि टाटा के हाथ में Air India की कमान जाने के बाद इसकी स्थिति ठीक थी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला. मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है, लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है. क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है?

महाकुंभ में भक्तों के साथ नेताओं और मंत्रियों के स्नान का सिलसिला भी जारी है. आज केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा भी महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंचे. जहां उनके साथ CM योगी आदित्यनाथ, डिप्टी CM बृजेश पाठक और BJP के कई और नेता भी मौजूद रहे. नड्डा ने CM योगी के साथ डुबकी लगाई और पूजा अर्चना भी की. देखें शंखनाद.

महाकुंभ 2025 में 59 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अब तक पवित्र संगम में स्नान किया है. इस बीच स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने आजतक से खास बातचीत की. उन्होंमे कहा कि गंगा का जल सर्वथा पवित्र और आचमन योग्य है. साथ ही उन्होंने कुंभ को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इससे भारत की एकता और सामाजिक समरसता का संदेश गया है. देखें ये एक्सक्लूसिव इंटरव्यू.