
अमेरिका की खोज भारत ने की, हमें गलत पढ़ाया गया... MP के शिक्षामंत्री के बयान पर छिड़ी बहस
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मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार में शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने एक नया दावा करते हुए कहा है कि अमेरिका की खोज क्रिस्टोफर कोलंबस द्वारा नहीं की गई है बल्कि अमेरिका की खोज भारतीय लोगों ने की है. उनका कहना है कि अमेरिका राष्ट्र की खोज भारतीय पूर्वजों ने की थी.
मध्य प्रदेश के उच्चा शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार का कहना है कि अमेरिका की खोज भारतीयों ने की थी. उन्होंने कहा कि 'यह गलत पढ़ाया गया कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज की जबकि पढ़ाना यह चाहिए था कि आठवीं शताब्दी में भारतीय महानाविक वसुलुन ने अमेरिका की खोज की और सैन डियागो स्टेट में कई मंदिरों का निर्माण किया था. यह तथ्य अभी भी अमेरिकी संग्रहालय में मौजूद हैं.
शिक्षा मंत्री ने किया ऋगवेद का जिक्र
सिर्फ यही नहीं, मंत्री इंदरसिंह परमार ने 'स्थिर सूर्य का जो सिद्धांत वैज्ञानिक निकोलस कॉपरनिकस ने दिया था उससे कई हज़ार साल पहले हमारे ऋषियों ने इसे बता दिया था. ऋगवेद में आठ हजार साल पहले यह लिखा गया है कि चंद्रमा अपने मातृ गृह यानि पृथ्वी के चारों ओर घूमता है और पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है.'
चीन की राजधानी का भारत से कनेक्शन
उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने चीन की राजधानी बीजिंग का ज़िक्र करते हुए कहा कि 'उन्होंने हाल ही में कहीं यह तथ्य पढ़ा कि 12वीं शताब्दी में, बीजिंग शहर की स्थापना के लिए डिजाइन और वास्तुकला को नेपाल के एक वास्तुकार बलबाहु द्वारा बनाया गया था और तब नेपाल भारत में था.
अमेरिका को खोज को लेकर क्या कहती हैं किताबें

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