अब तक 18 में से 10 बार विपक्ष को मिला है ये पद... जानें- डिप्टी स्पीकर की पोस्ट क्यों मांग रही कांग्रेस
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ओम बिरला तो लोकसभा स्पीकर बन गए, लेकिन डिप्टी स्पीकर कौन होगा? इसका फैसला होना अभी बाकी है. विपक्ष डिप्टी स्पीकर का पद मांग रहा है. हालांकि, एनडीए उसे ये पद देने के मूड में फिलहाल नहीं है. ऐसे में जानते हैं कि डिप्टी स्पीकर का पद कब-कब विपक्ष को मिला? और कांग्रेस क्यों इस पद को मांग रही है?
ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा के स्पीकर बन गए हैं. ये पांचवीं बार है जब किसी लोकसभा स्पीकर को दोबारा चुना गया है. ओम बिरला राजस्थान की कोटा सीट से सांसद हैं. इस बार लोकसभा स्पीकर का चुनाव दिलचस्प रहा, क्योंकि ऐन वक्त पर विपक्षी INDIA ब्लॉक ने के. सुरेश को लोकसभा स्पीकर के चुनाव में उतार दिया. हालांकि, ओम बिरला को ध्वनिमत से चुन लिया गया.
लेकिन खेल अभी खत्म नहीं हुआ है. ओम बिरला तो लोकसभा स्पीकर बन गए हैं. लेकिन डिप्टी स्पीकर कौन होगा? इसका फैसला होना अभी बाकी है.
विपक्षी INDIA ब्लॉक डिप्टी स्पीकर की मांग पर अड़ा हुआ है. लेकिन एनडीए सरकार डिप्टी स्पीकर का पद बगैर चुनाव के विपक्ष को देना नहीं चाहती. यही वजह है कि विपक्ष ने स्पीकर चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारा था. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमारा विरोध प्रतीकात्मक और लोकतांत्रिक था, क्योंकि वो (एनडीए) हमें डिप्टी स्पीकर का पद नहीं दे रहे थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माझी ने भी कहा कि अगर सरकार डिप्टी स्पीकर का पद देने पर राजी हो जाती तो स्पीकर के लिए चुनाव नहीं कराना पड़ता.
कांग्रेस सांसद और अब विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी कहा था कि विपक्ष स्पीकर के लिए एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने को तैयार है, अगर सरकार विपक्ष का पद हमें दे दे.
आमतौर पर लोकसभा स्पीकर का पद सत्तारूढ़ पार्टी या गठबंधन के पास होता है, जबकि डिप्टी स्पीकर का विपक्ष को मिलता है. 1990 से लेकर 2014 तक डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के पास ही था. 2014 से 2019 तक ये पद सत्तारूढ़ गठबंधन के पास रहा. जबकि, 2019 से 2024 तक डिप्टी स्पीकर का पद खाली ही रहा.
क्या डिप्टी स्पीकर का पद जरूरी है?
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