अन्नदाता पर आसमानी आफतः तूफान गुजरे- रह गए निशान, गुजरात से यूपी तक बर्बादी की दास्तान!
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Cyclone And Rain Effect on Crops: असमय बारिश के चलते सब्जी और फल, किसानों की फसलें खेतों में खड़ी-खड़ी डूब गईं. ऐसे में उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है.
कोरोना के साथ-साथ भारत ने मई के महीने में चक्रवात यास और तौकते नाम की दो प्राकृतिक आपदाएं भी झेलीं. तटीय क्षेत्रों में इन दोनों तूफानों ने काफी कहर बरपाया. लेकिन इसके प्रभाव की वजह से मैदानी इलाके भी अछूते नहीं रह पाए. असमय बारिश के चलते सब्जी और फल, किसानों की फसलें खेतों में खड़ी-खड़ी डूब गईं. ऐसे में उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. साइक्लोन तौकते ने गुजरात के सौराष्ट्र के जिलों में काफी नुकसान पहुंचाया है. यहां राजकोट जिले में मूंगफली और बाजरे की खेती प्रमुख रूप से होती है. इस बार की फसल हर बार से बेहतर हुई थी. ऐसे में यहां के किसानों की आंखों में चमक थी कि इस बार वह ठीक-ठाक मुनाफा कमा लेंगे. राजकोट भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष दिलीप भाई सखिया ने अपने यहां हरिपर गांव में 6 एकड़ में मूंगफली की फसल लगाई थी. वह बताते हैं कि बारिश में उनकी पूरी की पूरी 6 एकड़ की मूंगफली की फसल डूब गई. इलाके में उनके अलावा कई और किसान हैं, जिनपर प्रकृति की सख्त मार पड़ी है.भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम ने इस दौरान बताया कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत क्यों ऐतिहासिक है? देखें.
पिछले हफ्ते तक कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे. उन्होंने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी. इसके अगले ही दिन बीजेपी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल कर लिया. कैलाश गहलोत ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.