World Milk Day: क्या बेहतर है, गाय का दूध या कोई और दूध
BBC
जानकार मानते हैं कि दूसरे जानवर का दूध पीना न केवल अप्राकृतिक है, बल्कि ग़ैर-ज़रूरी है.
सभी स्तनधारियों के जीवन में दूध का बड़ा महत्व है. बच्चा पैदा होने के साथ ही मां के स्तन से दूध पीने लगता है.
जानवरों के बच्चे एक समय बाद मां का दूध छोड़ देते हैं और फिर अन्य जानवरों की तरह दूसरी चीज़ें खाने लगते हैं. लेकिन इंसान के बच्चे मां का दूध छोड़ने के बाद भी दूसरे स्तनधारी जीवों जैस, गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि का दूध पीते रहते हैं.
इंसान ही एक ऐसा प्राणी है जो दूसरे जानवरों के दूध पर नज़र रखता है. उसकी दलील है कि दूध उसकी सेहत के लिए ख़ास तौर से हड्डियों के लिए बहुत ज़रूरी है. जबकि नई रिसर्च कहती हैं कि दूसरे जानवरों का दूध पीना ग़ैर ज़रूरी, अप्राकृतिक और नुक़सानदेह है.
इंसानों ने आज से क़रीब 11 हज़ार साल पहले गाय पालना शुरू किया था. लेकिन, दूध में मौजूद लैक्टोज़ शुगर को पचाने की क्षमता इंसान ने केवल दस हज़ार साल पहले विकसित की.
इसकी शुरुआत दक्षिणी-पश्चिमी एशिया से हुई थी, जो धीरे-धीरे यूरोप तक फैली. यही वजह है कि आज दुनिया में केवल तीस फ़ीसद लोगों में ही वयस्क होने के बाद भी लैक्टेज़ नाम का एंजाइम बनता है.