Vaccination: जानिए, प्राइवेट अस्पतालों से वैक्सीन लेने पर सरकार कितने रुपए टैक्स से कमा रही है
ABP News
वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए निजी अस्पतालों को वैक्सीन देने की अनुमति दी गई थी. शुरुआत में केंद्र सरकार 150 रुपये प्रति डोज के हिसाब से दोनों देशी कंपनियों की वैक्सीन कोवीशील्ड और कोवैक्सिन को खरीद रही थी और इसे सरकारी और निजी अस्पतालों को भी दे रही थी. उस समय निजी अस्पताल में इसकी कीमत 250 रुपये तय हुई थी लेकिन आज ये अस्पताल प्रति डोज 900 से 1400 रुपये वैक्सीन के लिए वसूल रहे हैं. इसकी प्रमुख वजह क्या है.
देश में कोरोना कहर पर काबू पाने के लिए वैक्सीनेशन अभियान पर जोर देने की कवायद चल रही है लेकिन वैक्सीन की कमी से इस अभियान पर असर पड़ रहा है. वैक्सीन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए निजी अस्पतालों को भी वैक्सीन देने की छूट दे दी गई है लेकिन वैक्सीन की कीमत इतनी ऊंची है कि ज्यादातर आम लोग निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं. शुरुआत में केंद्र सरकार 150 रुपये प्रति डोज के हिसाब से दोनों देशी कंपनियों की वैक्सीन कोवीशील्ड और कोवैक्सिन को खरीद रही थी और इसे सरकारी और निजी अस्पतालों को भी दे रही थी. इसके बाद निजी अस्पतालों को 100 रुपये वैक्सीनेशन चार्ज (Vaccination Charge) वसूलने की अनुमति दी गई थी. उस समय निजी अस्पताल इस बात पर सहमत थे कि 100 रुपये में वैक्सीन लगाने की लागत कवर हो जाएगी। लेकिन अब ये अस्पताल प्रति डोज 900 से 1400 रुपये वैक्सीन के लिए वसूल रहे हैं. इसकी प्रमुख वजह क्या है. इस तरह बढ़े वैक्सीन के दाम30 अप्रैल तक निजी अस्पतालों में कोवीशील्ड औऱ कोवैक्सिन की एक खुराक की कीमत 250 रुपये तय की गई थी. इसमें 150 रुपये में केंद्र सरकार वैक्सीन निजी अस्पतालों को देती थी और उसे 100 रुपये सेवा शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई थी. इसके बाद निजी अस्पताल सीधे वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन खरीदने लगे. एक मई को अस्पताल को कोवीशील्ड की एक खुराक 600 रुपये में मिली. इसपर 5 प्रतिशत जीएसटी और सेवा शुल्क लगाकर 800 से 900 रुपये तक की लागत आई और इतने में वे लोगों को वैक्सीन लगा रहे हैं.More Related News