
Uttarakhand में लगातार हो रही त्रासदियों को लेकर सवाल उठाना कब से गुनाह हो गया?
The Quint
Uttarakhand high court: उत्तराखंड HC में जो लगाने गए थे गुहार, उन्हीं पर क्यों प्रहार? हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का विरोध करने वालों पर ही HC ने लगाया जुर्माना Activists Opposed Uttarakhand Hydropower Projects, Get Fined By High Court
हमें ऐसा लगा जैसे किसी ने सरे राह हमारे कपड़े उतार दिए हों. हमें अपमानित किया गया. अदालत ने न केवल हमारी याचिका खारिज कर दी, बल्कि इस फैसले ने हमारी गरिमा भी छीन ली.अतुल सती, पर्यावरण कार्यकर्ता और याचिकाकर्ता14 जुलाई को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को दी गई पर्यावरण मंजूरी यानी इन्वायर्नमेंटल क्लियरेंस को रद्द करने की मांग की गई थी. खारिज की गई याचिका में यह तर्क दिया गया था कि फरवरी 2021 में इस क्षेत्र में आई भयावह बाढ़ के बाद ये पर्यावरण स्वीकृतियां बेमानी या अर्थहीन हो गई थीं. कोर्ट ने न सिर्फ याचिका को खारिज किया बल्कि जिस तरीके से खारिज किया उससे याचिकाकर्ता स्तब्ध रह गए. कोर्ट ने याचिका खारिज करने के साथ ही, याचिकाकर्ताओं पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. रैनी गांव में बाढ़ से पैदा हुई आपदा का दृश्यफोटो : अतुल सती के फेसबुक से कोर्ट ने मामले की मेरिट पर फैसला देने के बजाय याचिकाकर्ताओं की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठाकर याचिका को खारिज कर दिया. चार पैराग्राफ का एक आदेश में अदालत ने याचिकाकर्ताओं को 'सामाजिक कार्यकर्ता' के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया, उनकी याचिका को 'अत्यधिक प्रेरित' बताया गया और कहा गया है कि वे जनहित याचिका दायर करने के अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं.हाईकोर्ट के आदेश में तथ्यात्मक विश्लेषण के बजाय क्रोध या आवेश ज्यादा था. अतुल सती उन पांच याचिकाकर्ताओं में से एक हैं जिन्होंने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. क्विंट को अतुल ने बताया कि अदालत ने इस बात की भी जहमत नहीं उठाई कि वह याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए दावों की सत्यता का परीक्षण कर ले या निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले धैर्यपूर्वक उनकी (याचिकाकर्ताओं) सुनवाई कर ले.यह याचिका अत्यधिक प्रेरित यानी हाईली मोटीवेटेड प्रतीत हो रही है. ऐसा लग रहा है जैसे कि यह किसी अज्ञात व्यक्ति के इशारे पर दायर की गई है. वह अज्ञात व्यक्ति या जो कोई भी है वह याचिकाकर्ताओं को फ्रंट के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. इनकी आड़ लिया जा रहा है. इसलिए ऐसे में याचिकाकर्ता किसी अज्ञात के हाथों की कठपुतली मात्र हैं.उत्तराखंड हाई कोर्टउत्तारखंड की इकोलॉजी को बहाल करने की याचिकाजिन पां...More Related News