US, जापान, ताइवान के बाजार में कोहराम... मंदी की आहट से 57 साल की सबसे बड़ी गिरावट, भारत का ये हाल?
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भारतीय बाजार में गिरावट के पीछे ग्लोबल कारण है, भारत की इकोनॉमी मजबूत है और बाजार को ये पता है. लेकिन दूसरे देशों को देखें तो वहां हाहाकार मचा है, जिसका असर अब भारतीय बाजारों पर दिख रहा है.
शेयर बाजार (Share Market) का क्या होगा? रिटेल निवेशकों के मन में ये सवाल तेजी से उठ रहा है. क्योंकि लगातार दूसरे दिन भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है. सबसे ज्यादा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की पिटाई हो रही है. सरकारी कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा टूटे हैं.
दरअसल, इस गिरावट के पीछे ग्लोबल कारण हैं, भारत की इकोनॉमी मजबूत है और बाजार को ये पता है. लेकिन दूसरे देशों को देखें तो वहां हाहाकार मचा है, जिसका असर अब भारतीय बाजारों पर दिख रहा है.
अमेरिकी बाजार में हाहाकार
बता दें, सबसे ज्यादा अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है, उसके बाद जापान के शेयर बाजार में भूचाल आ गया है. इसके अलावा ताइवान के शेयर बाजार में भी कोहराम मचा है. ताइवान का बेंचमार्क इंडेक्स ताइपे में 57 साल की सबसे बड़ी गिरावट आई है. ताइपे 8.4 फीसदी गिरा है. साल 1967 के बाद एक दिन की ये सबसे बड़ी गिरावट है.
जापान के इस कदम का बड़ा असर
जापाना का शेयर बाजार निक्केई 12 फीसदी से ज्यादा गिर गया है, पिछले 37 साल के दौरान एक दिन में ये सबसे बड़ी गिरावट है. 1987 के बाद आज का दिन यहां के बाजार के लिए सबसे खराब रहा. दरअसल, जापान का केंद्रीय बैंक यानी बैंक ऑफ जापान ने करीब 14 साल बाद नीतिगत ब्याज दरों में बुधवार (31 जुलाई 2024) को 25 बेसिस प्वॉइंट्स (0.25%) की बढ़ोतरी कर दी है.
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