
US के टैरिफ दबाव से चीन के बदले सुर, भारत से ये चीजें मंगाने के लिए हुआ बेताब!
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चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ग्लोबल ट्रेड वर्ल्ड के लीडर्स को दिए गए हालिया संबोधन का हवाला देते हुए इस बात पर फोकस किया कि चीन में निवेश की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि चीन दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कंज्यूमर मार्केट और सबसे बड़े मिडिल इनकम कैटेगरी के साथ निवेश और कंजम्पशन के लिए काफी संभावनाएं दी हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के टैरिफ दबाव के बीच चीन भारत से डील करने के लिए बेताब हो रहा है. ड्रैगन भारत के साथ गहरे आर्थिक संबंधों को स्थापित करना चाहता है. भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने कहा है कि चीन अधिक प्रीमियम भारतीय निर्यात (Indian Premium Export) का स्वागत करता है और अपने विशाल उपभोक्ता बाजार का लाभ उठाने में भारतीय व्यवसायों को सपोर्ट करने के लिए तैयार है.
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में फेइोंग ने कहा कि चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंधों (India-China Economic and Trade Relation) का सार पारस्परिक लाभ और जीत का सहयोग है. चीन ने कभी भी जानबूझकर कारोबार सरपलस का पीछा नहीं किया. ट्रेड सरप्लस मार्केट में आपकी क्षमता को बताता है और बदलती आर्थिक स्थितियों के साथ डेवलप होता है.
भारत के लिए खुलेंगे कई अवसर चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ग्लोबल ट्रेड वर्ल्ड के लीडर्स को दिए गए हालिया संबोधन का हवाला देते हुए इस बात पर फोकस किया कि चीन में निवेश की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि चीन दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कंज्यूमर मार्केट और सबसे बड़े मिडिल इनकम कैटेगरी के साथ निवेश और कंजम्पशन के लिए काफी संभावनाएं दी हैं. चीन के विशाल बाजार का मूल्यांकन करने से भारतीय कंपनियों के लिए अधिक कारोबारी अवसर खुलेंगे.
भारत से ये चीजें मंगाना चाहता है चीन वित्त वर्ष 2024 में मिर्च, लौह अयस्क और सूती धागे जैसे भारतीय निर्यातों में चीनी बाजार में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली थी, जो क्रमशः 17%, 160% और 240% से अधिक की ग्रोथ रही. फेइहोंग ने कहा, 'हम चीन में अधिक प्रीमियम भारतीय वस्तुओं के निर्यात का स्वागत करते हैं और भारतीय व्यवसायों को चीन की बाजार मांग का लाभ उठाने में मदद करने के लिए तैयार हैं, जिससे हमारे आर्थिक और व्यापार सहयोग की विशाल क्षमता का पता लगाया जा सके.'
भारत से चीन की अपील हालांकि इस बीच, चीन ने भारत से बाजार पहुंच के बारे में चीन की चिंताओं को दूर करने की भी अपील की. उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारत आर्थिक और व्यापार क्षेत्र में चीन की चिंताओं को गंभीरता से लेगा, चीनी उद्यमों के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करेगा. चीन-भारत द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापार सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और दोनों देशों के लोगों को ठोस लाभ पहुंचाएगा.'
ट्रंप के दबाव से बदले चीन के सुर चीन की ओर से ऐसी बातें तब की जा रही हैं, जब भारत के चीन के साथ 99.2 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे को लेकर लगातार टकराव और 2020 के सीमा गतिरोध के बाद से जारी राजनीतिक तनाव के बाद आया है. फिर भी, जैसे-जैसे अमेरिका टैरिफ को दोगुना करता जा रहा है, भारत पर बीजिंग का फिर से ध्यान केंद्रित करना उसकी आर्थिक मजबूरी है.