UPPCS Result: जौनपुर के निशांत का प्रदेश में चौथा स्थान, छठवें प्रयास में मिली सफलता
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निशांत उपाध्याय का परिवार जौनपुर में खरका कॉलोनी हुसैनाबाद में रहता है. पिता डॉ. प्रशांत कुमार उपाध्याय वाराणसी जिले के पिंडरा स्थित पटौना गांव के मूल निवासी हैं. वे जौनपुर में रहकर प्रैक्टिस करते हैं. निशांत के पिता नेत्र विशेषज्ञ हैं और मां गृहिणी. बड़ी बहन डॉ. शालिनी उपाध्याय डेंटिस्ट हैं. दिल्ली में उनका क्लीनिक है.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2021 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है. यूपी पीसीएस में 678 पदों के सापेक्ष 627 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं. जौनपुर के निशांत उपाध्याय ने प्रदेश में चौथा स्थान प्राप्त किया है. निशांत का ये छठवां प्रयास था. उन्होंने मैकेनिकल से इंजीनियरिंग करने के बाद UPPCS की तैयारी शुरू की थी. निशांत को लगन का पक्का माना जाता है. निशांत ने आईएएस के लिए भी तीन प्रयास किए हैं. दो बार इंटरव्यू में सफलता नहीं मिली. तीसरे प्रयास का रिजल्ट आना बाकी है.
बता दें कि निशांत उपाध्याय का परिवार जौनपुर में खरका कॉलोनी हुसैनाबाद में रहता है. पिता डॉ. प्रशांत कुमार उपाध्याय वाराणसी जिले के पिंडरा स्थित पटौना गांव के मूल निवासी हैं. वे जौनपुर में रहकर प्रैक्टिस करते हैं. निशांत के पिता नेत्र विशेषज्ञ हैं और मां गृहिणी. बड़ी बहन डॉ. शालिनी उपाध्याय डेंटिस्ट हैं. दिल्ली में उनका क्लीनिक है. 3 भाई-बहनों में निशांत और सुशांत जुड़वा भाई हैं. सुशांत से 5 मिनट छोटे हैं. निशांत और सुशांत दो दिन पहले झारखंड में अपने मामा के यहां गए थे. प्रदेश में चौथा स्थान मिलने की खुशी से वे फूले नहीं समा रहे हैं.
5 बार असफलता, फिर छठवें प्रयास में हिस्से आई सफलता
इस संबंध में आजतक ने निशांत उपाध्याय ने बातचीत की है. निशांत कहते हैं- 'पूर्वांचल में ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विसेज में जाने का एक ट्रेंड है. 2015 के बाद यूपीएससी का एग्जाम देना शुरू किया. 5 बार असफलता मिलने के बाद छठवीं बार सफलता हासिल हुई. इंटर में पापा चाहते थे कि मैं बायो से पढ़ाई करूं और डॉक्टर बनूं. लेकिन मेरी रुचि मैथ में थी, इसलिए मैंने इंटर पास करके इंजीनियरिंग की. 2011 में मेरा सिलेक्शन मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए एनआईटी दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) के लिए हो गया.'
कोरोनाकाल में घर में रहकर तैयारी की
निशांत आगे कहते हैं- 'इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान ही मेरा कैंपस सिलेक्शन हो गया. सोनभद्र के हिंडाल्को में मेरी पोस्टिंग हो गई. मैंने नौकरी छोड़कर दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी. कंटीन्यू 5 साल सफलता नहीं मिली. कोरोनाकाल में मैंने घर से तैयारी की. 2021 यूपी पीसीएस की परीक्षा दी, जिसमें मुझे पूरे प्रदेश में चौथी रैंक मिली, इसके लिए मैं अपने माता-पिता, भाई और परिवार के लोगों और इष्ट मित्रों को श्रेय देता हूं.'
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