
UP Election: सत्ता हासिल करने की दौड़ में सभी पार्टियां दौड़ाती हैं ‘सियासत का करंट’, चुनावी नैया पार लगाने में कितनी मज़बूत पतवार?
ABP News
UP Chunav: इंदिरा गांधी के पीएम बनने के बाद पहली बार रायबरेली को बिजली के क्षेत्र में वीआईपी का दर्जा दिया गया था
UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में इस वक्त लोक लुभावने वादों की बहार है. सभी राजनीतिक दलों की तरफ से बिना मांगें तमाम घोषणाएं की जा रही हैं. कोई पार्टी महिला सशक्तिकरण और युवाओं को लाखों रोजगार देने की बात कर रही है तो कोई पेंशन को दोबारा शुरू करने जैसे वादे. इन सबके बीच यूपी में बिजली एक ऐसा मुद्दा हमेशा से रही है, जिसके जरिए सभी दल सियासत का करंट दौड़ा कर सत्ता हासिल करने की कोशिश करती है. इस बार एक तरफ जहां विपक्षी दलों ने मुफ्त बिजली देने का एलान किया तो वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी ने किसानों की बिजली दरों को आधे करने की घोषणा कर दी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यूपी के चुनाव में कब से बिजली इतना बड़ा मुद्दा रही है? इस बार किस दल की तरफ से क्या एलान किया गया है और राजनीतिक जानकार अभय दूबे का इस बारे में क्या कहना है. आइये जानते हैं-
1977 से ही बिजली बड़ा मुद्दा