UP Election: नतीजों से पहले EC पहुंची बीजेपी, धर्मेंद्र प्रधान बोले- हार के डर से आपा खो रहे अखिलेश यादव
AajTak
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च तक मतदान हुआ था. 10 मार्च को नतीजे आने हैं. 403 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में एग्जिट पोल में बीजेपी की दोबारा सरकार आने का अनुमान जताया जा रहा है. हालांकि, मतगणना से पहले अखिलेश यादव ने ईवीएम मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अगुआई में बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा. इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, चुनाव में हार के डर से अखिलेश यादव आपा खो रहे हैं और हताशा दिखा रहे हैं.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, उन्होंने संविधानिक प्रक्रिया और अधिकारियों को चुनौती देने की कोशिश की. अखिलेश यादव जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह धमकी की तरह है. वह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, सभी को सच पता है कि वाराणसी में क्या हुआ था. ईवीएम सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर के बाद स्ट्रॉंग रूम में रखी गई हैं. ईवीएम की निगरानी सीसीटीवी से हो रही है. चुनाव आयोग किसी भी मुद्दे पर संज्ञान लेने के लिए स्वतंत्र है.
यूपी में ईवीएम को लेकर मचा बवाल नतीजों से पहले यूपी में ईवीएम को लेकर हंगामा मच गया है. वाराणसी सहित कई जगह विपक्ष ने ईवीएम बदलने के आरोप लगाए. उधर ईवीएम को बदलने को लेकर अखिलेश यादव ने काफी गंभीर सवाल उठाए. साथ ही उन्होंने ईवीएम की रखवाली के लिए कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लगातार मतगणना स्थल पर बने रहें और निगरानी करते रहें.
अखिलेश के इस आदेश के बाद समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल के लोगों ने भी मतगणना स्थलों पर डेरा डाल दिया और दिन के साथ साथ रात मे निगरानी करने लगे.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.