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UP वैक्सीन टेंडर पर पेंच, कंपनियों को सिक्योरिटी की शर्त से दिक्कत
The Quint
Uttar pradesh: सूत्रों के मुताबिक भारत के सबसे बड़े वैक्सीन मेकर सीरम ने अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) नियम की वजह से सप्लाई देने से इनकार कर दिया है, Vaccine companies raised concern about security condition EMD restrictions
राज्य में वैक्सीन की सप्लाई के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोबल टेंडर जारी किया है. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के टेंडर की शर्तों को लेकर पेंच फंस गया है. सूत्रों के मुताबिक भारत के सबसे बड़े वैक्सीन मेकर सीरम ने अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) नियम की वजह से सप्लाई देने से इनकार कर दिया है. इसके बाद कहा जा रहा है उत्तर प्रदेश सरकार ये नियम बदलने की तैयारी कर रही है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या योगी सरकार ने बिना पूरी तैयारी के ही ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया था?आसान भाषा में बता दें कि अर्नेस्ट मनी एक तरह से डिपॉजिट मनी होता है जो किसी भी करार में सुरक्षा के नजरिए से जमा कराया जाता है.4 करोड़ वैक्सीन के लिए UP का टेंडर हुआ था जारीउत्तर प्रदेश सरकार ने 4 करोड़ कोरोना वैक्सीन डोज के लिए ये ग्लोबल टेंडर जारी किया है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार के ग्लोबल टेंडर में अब तक 5 कंपनियों ने इच्छा जताई है. इसमें रूस की स्पुतनिक, फाइजर की पार्टनर डॉ रेड्डीज लैब, जायडस कैडिला, साउथ कोरियन कंपनी, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट शामिल है.लेकिन दिक्कत ये है कि अभी भारत में सिर्फ भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट और रूसी स्पुतनिक वैक्सीन को ही मंजूरी मिली है. इसलिए बाकी की कंपनियां अभी चाहते हुए भी करार नहीं कर पाएंगीं.बीएमसी के टेंडर की शर्तों से भी कंपनियों को एतराजमुंबई की महानगरपालिका ने भी जो टेंडर जारी किया है उसकी कुछ ऐसी शर्तें हैं जो शायद कंपनियों तो पसंद ना आए. जैसे बीएमसी के पास फिलहाल जितने कोल्ड स्टोरेजेस है उससे ज्यादा की जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कोल्ड स्टोरेज और कोल्ड चैन्स की व्यवस्था आपूर्तिकर्ता कंपनी को पूरी करनी होगी. वैक्सीन खरीदने के लिए किसी भी तरह का एडवांस पेमेंट नही किया जाएगा. अगर वैक्सीन की आपूर्ति तय समय सीमा में नही की गई तो वैक्सीन की खेप मिलने तक प्रतिदिन 1% या फिर पूरे कॉन्ट्रैक्ट का 10%, इनमें से जो अधिक होगा उस हिसाब से कंपनी को जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही वैक्सीन आपूर्ति में गड़बड़ी या फिर वैक्सीन का दर्जा खराब निकला तो कॉन्ट्रैक्टर को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी. इन सख्त शर्तों से कंपनियों को ऐतराज है.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)...More Related News