UP में कई अफसरों की कुर्सी खतरे में... अखिलेश के संपर्क में आए अफसरों की बन रही है लिस्ट!
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उत्तर प्रदेश में अब बारी उन आईएएस और आईपीएस अफसरों की है जो चुनाव के दौरान बदलती सरकार के अंदेशे में समाजवादी पार्टी के खेमे से कनेक्शन साधने लगे थे. बताया जा रहा है कि ऐसे अफसरों की लिस्ट बन रही है और उन पर कार्रवाई हो सकती है.
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 2.0 अलग तेवर में नजर आ रही है. एक तरफ माफियाओं और अपराधियों पर बुलडोजर की स्पीड तेज है तो वही बड़े अफसरों पर कार्रवाई का सिलसिला भी शुरू हो गया है. गुरुवार को सोनभद्र के डीएम और गाजियाबाद के एसएसपी को सीधे सस्पेंड कर दिया गया.
जिले के सबसे बड़े अफसरों पर की गई सस्पेंशन की इस कार्रवाई से नौकरशाही में अफरा-तफरी है. लापरवाही बरतने वाले जिलों के कप्तान डीएम से लेकर विभागीय अपर मुख्य सचिव तक दहशत में है कि जरा सी चूक कहीं कुर्सी ना ले जाए.
क्यों सस्पेंड किए गए सोनभद्र के डीएम?
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोनभद्र के डीएम रहे टीके शिबू और गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया. आधिकारिक तौर पर टीके शिबू के सस्पेंशन के पीछे जो वजह बताई गई वह थी जिले में अवैध खनन, निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत और बीते विधानसभा चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी के तौर पर लापरवाही.
दरअसल सोनभद्र में शासन को चुनाव से पहले ही अवैध खनन की शिकायतें मिल रही थी. जिले में गिट्टी की खदानों से अवैध खनन के जरिए वसूली की जानकारी सरकार को लगातार मिल रही थी. वहीं दूसरी तरफ पीडब्ल्यूडी व अन्य निर्माण एजेंसियों के द्वारा करवाए जा रहे कामों में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी भी जारी रही.
इसी बीच चुनाव का ऐलान हो गया आचार संहिता लग गई तो सोनभद्र के डीएम टीके शिबू जिला निर्वाचन अधिकारी के तौर पर काम करने लगे. चुनाव के दौरान भी टीके शिबू की लापरवाही उजागर हुई. खुले में बिना सील किए पोस्टल बैलट का वीडियो सोशल मीडिया पर बादल हुआ तो जिले में राजनैतिक हंगामा शुरू हो गया.
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