UP: मुस्लिम वोटों को लेकर अलर्ट हुए अखिलेश यादव, एक हफ्ते में तीन मोर्चों पर दिखे एक्टिव
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उत्तर प्रदेश में काशी के ज्ञानवापी से लेकर मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद मामले पर सियासत गरम है. हिंदू पक्ष से लेकर मुस्लिम संगठन तक एक्टिव हैं. हाल के दिनों में दिल्ली से लेकर देवबंद और लखनऊ तक मुस्लिम संगठन बैठक कर रहे हैं और हालत 90 के दशक की तरह बनते जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश की सियासत में मुस्लिम वोट बैंक एकतरफा जिसे पड़ेगा, उसकी चुनाव में बल्ले-बल्ले है. इस बात को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव बखूबी जानते हैं और इसीलिए इन दिनों मुस्लिम वोटों को लेकर अलर्ट हो गए हैं, क्योंकि दूसरे विपक्षी दलों की नजर भी इस 20 फीसदी वोटबैंक पर है. ऐसे में अखिलेश यादव के सियासी कदम को देखें तो एक सप्ताह में तीन मोर्चे पर मुस्लिम वोटों को अपने साथ साधे रखने के लिए एक्टिव दिख रहे हैं. पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल और जावेद अली खान को एक बार फिर से राज्यसभा में भेजने के फैसले से लेकर सपा के मुस्लिम चेहरा आजम खान की नाराजगी को दूर करने की कवायद करते अखिलेश यादव नजर आ रहे हैं. वहीं, सपा के अल्पसंख्यक सम्मेलन में मुसलमानों को बीजेपी के नैरेटिव में नहीं फंसने के हिदायत भी दे रहे हैं. इस तरह से अखिलेश यादव 2024 के चुनाव के लिए मुस्लिम वोटों को लेकर सक्रिय हो गए हैं.
सपा ने हमेशा अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण किया है: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को अल्पसंख्यकों से बीजेपी किसी एजेंडा में नहीं फंसने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि सपा ने हमेशा अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण किया है. 2022 के चुनाव में एकमुश्त सपा के पक्ष में मतदान करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय का धन्यवाद दिया. इसी के साथ अखिलेश ने भाजपा नफरत फैलाने और समाज को बांटने के एजेंडे पर काम कर रही है. महत्वपूर्ण पदों पर आरएसएस के लोगों को बैठाया जा रहा है. वह देश की गंगा जमुनी संस्कृति को तोड़ने और आपसी सौहार्द नष्ट करने में लगी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी-संघ के नैरेटिव में नहीं फंसना चाहिए.
बता दें, अखिलेश यादव ने यह बात इसीलिए कही कि इन दिनों काशी के ज्ञानवापी से लेकर मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद मामले पर सियासत गरम है. हिंदू पक्ष से लेकर मुस्लिम संगठन तक सक्रिय हैं. हाल के दिनों में दिल्ली से लेकर देवबंद और लखनऊ तक मुस्लिम संगठन बैठक कर रहे हैं और हालत 90 के दशक की तरह बनते जा रहे हैं. ऐसे में अखिलेश को यह बात बाखूबी तरीके से पता है कि काशी-मथुरा के मुद्दा पर सियासत जितनी तेज होगी, उसका सियासी फायदा बीजेपी को ही मिलेगा. इसीलिए अखिलेश यादव ने पार्टी के सम्मलेन में बीजेपी के एजेंडे में न फंसने की हिदायत दे रहे हैं.
आजम खान की नाराजगी को दूर करने में जुटे अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव इन दिनों अपने रूठे मुस्लिम नेता आजम खान को मनाने और समझाने में जुट गए हैं. अखिलेश यादव बुधवार को दिल्ली पहुंचे और गंगाराम अस्पताल में भर्ती आजम खान से मिले, जहां पर करीब 3 घंटे तक रहे. इस तरह अखिलेश अपने नेता की नाराजगी को दूर करने की कवायद करते नजर आए. इससे पहले विधानसभा के सदन में अखिलेश यादव ने आजम खान के मुद्दे को उठाया और कहा कि सरकार ने बदले की कार्रवाई तक उन पर मुकदमें लगाए गए हैं, जो सही नहीं है.
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