UP: बाराबंकी में मिली बम जैसी संदिग्ध वस्तु, लखनऊ से पहुंचे दस्ते ने किया डिफ्यूज
AajTak
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी (UP Barabanki) के नगर कोतवली इलाके के सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पास बम जैसी संदिग्ध वस्तु मिली थी. इससे इलाके में हड़कंप मच गया. सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने छानबीन की. बम निरोधक दस्ते ने बम जैसी वस्तुओं को डिफ्यूज कर दिया है.
यूपी के बाराबंकी (UP Barabanki) में सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पास बम जैसी पांच संदिग्ध वस्तुएं मिलने से हड़कंप मच गया. इसमें टाइमर लगा था. स्थानीय लोगों ने जब टिक-टिक की आवाज सुनी तो उन्होंने जाकर देखा. बम जैसी पांच चीजें पड़ी थीं. इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई. लखनऊ से बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया, जिसने उस संदिग्ध वस्तुओं को डिफ्यूज कर दिया.
पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने बताया कि बम जैसी चीज मिली है, जिसे बम निरोधक दस्ते ने डिफ्यूज कर दिया है. इस मामले की जांच की जा रही है. ट्रेनों का आवागमन जारी है. राजधानी लखनऊ के पास मिली टाइम बम जैसी चीज से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. लोगों में चर्चा है कि यह बम यहां छिपाए गए थे, बाराबंकी या लखनऊ को दहलाने की साजिश हो सकती थी.
ग्रामीणों ने देखा तो 112 नंबर डायल कर दी सूचना
लखनऊ बॉर्डर से महज तीन किलोमीटर दूर सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पीछे पांच टाइम बम जैसी चीजों को दो ग्रामीणों ने देखा. बताया जा रहा है कि ग्रामीण वहां से गुजर रहे थे, तभी टिक-टिक की आवाज सुनकर उन्होंने जाकर देखा. इसके बाद 112 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी. पीआरवी के पहुंचने के बाद मौके पर पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स, अपर पुलिस अधीक्षक, सतरिख और नगर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची. यहां बम जैसी 4 चीजें बरामद हुईं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.