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UP पंचायत चुनाव: बलिया में ST की आबादी शून्य लेकिन आरक्षित कर दी गई 53 सीटें
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यूपी पंचायत चुनाव में सबसे ज्यादा ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य की सीटों के आरक्षण को लेकर एतराज किया जा रहा है. खासकर उन सीटों पर सबसे ज्यादा दिक्कतें खड़ी हो गई हैं, जहां पर अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी शून्य है पर सीट आरक्षित कर दी गई है. गोरखपुर, बलिया, जौनपुर, भदोही और गाजीपुर सहित तमाम जिले में ऐसे मामले आए हैं.
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए जारी आरक्षण पर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए सोमवार अंतिम दिन है. पंचायत चुनाव में सबसे ज्यादा ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य की सीटों के आरक्षण को लेकर एतराज किया जा रहा है. खासकर उन सीटों पर सबसे ज्यादा दिक्कतें खड़ी हो गई हैं, जहां पर अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी शून्य है पर सीट आरक्षित कर दी गई है. गोरखपुर, बलिया, जौनपुर, भदोही और गाजीपुर सहित तमाम जिले में ऐसे मामले आए हैं. यूपी में पहले नंबर पर ग्राम प्रधान के पद की सीटों के लिए तय हुए आरक्षण पर सबसे ज्यादा दावे और आपत्तियां दाखिल की जा रही हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर जिला पंचायत सदस्य का पद है, तीसरे नंबर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख के पदों पर हुए आरक्षण पर ऐतराज उठाया जा रहा है. पंचायत चुनाव की सीटों के तय हुए आरक्षण पर सबसे ज्यादा ऐतराज उठाये जाने के पीछे की वजह नेताओं का सियासी वर्चस्व खत्म होने की चिंता है.More Related News
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आम आदमी पार्टी हाल में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 सीटों से नीचे गिरकर 22 सीटों पर आ गई. पार्टी के बड़े-बड़े धुरंधर जिनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती शामिल हैं, चुनाव हार गए. लेकिन कालकाजी में काफी कड़े मुकाबले में आतिशी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को हराने में सफलता पाई.