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UP: गांव को जोड़ने वाली सड़क हुई जानलेवा, सरकारी एंबुलेंस भी नहीं आती, भगवान भरोसे हैं ग्रामीण
ABP News
जालौन के इस गांव को मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क के हाल बेहद खराब हो चुके हैं. हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कई बार प्रसूता की डिलिवरी रास्ते में ही हो जाती है. कई बार विधायक आए, वादा किया लेकिन स्थिति ढाक के तीन पात वाली रही.
जालौन: "कहते हैं कि देश की तरक्की का रास्ता गांव की गलियों से होकर गुजरता है. लेकिन अगर गांव तक वह गलियां ही ना पहुंचे" तो देश का विकास कैसे संभव होगा? जालौन के मुख्यालय उरई से सिमरिया तक जाने वाली 15 किलोमीटर की सड़क की दूरी को तय करने में लगभग 90 मिनट यानी डेढ़ घन्टे से ज्यादा का समय लग जाता है और अगर किसी व्यक्ति को इमरजेंसी सेवा की जरूरत पड़ जाए तो उसका "राम नाम सत्य होना" तय है. कई दशक बीत गए सरकारें आई और चली गईं, नेता जी वोट मांगने तो आएं लेकिन झूठे वादे करके वहां से रफूचक्कर हो गए. कई दिग्गज नेताओं के आश्वासन के बाद भी यहां के बाशिंदों को सड़क के दर्शन प्राप्त नहीं हो सके. इस सड़क को अगर सबसे खराब सड़क कहा जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. हालात यह है कि, महिलाओं के प्रसव भी अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में हो जाते हैं. 15 किलोमीटर की सड़क का सितमMore Related News