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UP, कर्नाटक और हिमाचल में क्रॉस वोटिंग के भरोसे BJP ने राज्य सभा चुनाव में फंसाया पेच
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राज्यसभा की ज्यादातर सीटों के लिए उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गये हैं, जिनमें सबसे अधिक बीजेपी के ही हैं. बची हुई सीटों के लिए जो वोटिंग होनी है, वहां भी बीजेपी ने पेच फंसा रखा है - और हिमाचल प्रदेश या कर्नाटक ही नहीं, उत्तर प्रदेश में भी नजर आ रहा है जहां बीजेपी की ही सरकार है.
27 फरवरी को 15 की जगह अब सिर्फ तीन राज्यों में राज्य सभा चुनाव के लिए वोटिंग होने जा रही है - उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक. उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, जबकि हि्माचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में है. असल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और उनका साथ छोड़ कर बीजेपी पहुंचे अशोक चव्हाण सहित ज्यादातर उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं.
रिपोर्ट बताती हैं कि 56 में से 41 सीटों के लिए निर्विरोध चुनाव हो चुका है, और खास बात ये है कि सबसे ज्यादा बीजेपी के ही 20 उम्मीदवार निर्विरोध राज्य सभा पहुंच रहे हैं. बीजेपी के बाद नंबर आता है कांग्रेस का जिसके 6, तृणमूल कांग्रेस के 4, YSR कांग्रेस के 3 आरजेडी और बीजेपी के 2-2 और एनसीपी, शिवसेना, BRS और जेडीयू के एक-एक प्रत्याशी बगैर किसी विरोध के राज्य सभा सांसद बनने जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में तो बीजेपी ने एक एक्स्ट्रा उम्मीदवार मैदान में उतार ही दिया है, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भी एक-एक उम्मीदवार खड़ा किया है, जबकि दोनों ही राज्यों में बीजेपी के पास इतने वोट भी नहीं हैं कि अपने उम्मीदवारों की जीत पक्की कर सके - लिहाजा, ले देकर उम्मीद क्रॉस वोटिंग से ही है.
सवाल है कि बीजेपी को जिस क्रॉस वोटिंग की उम्मीद है, उसका आधार क्या है? विधायकों के अपनी अपनी पार्टियों से मोहभंग हो चुका है, असंतोष या बीजेपी से किसी तरह का लालच? अभी नहीं तो भविष्य में ही सही!
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उत्तर प्रदेश से राज्य सभा की 10 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. बीजेपी के पास जितने वोट हैं, उसके सात उम्मीदवार आसानी से राज्यसभा पहुंच सकते हैं. फिर भी बीजेपी ने 8 उम्मीदवार उतार दिये हैं - और आठवें की जीत को लेकर ही संशय है.
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