
Unique Shiva Temple: यहां होती है महादेव के खंडित त्रिशूल की पूजा, मंदिर से जुड़े कई और रहस्यों के बारे में जानें
Zee News
जम्मू में महादेव का एक अनोखा मंदिर है जिसका नाम एक राक्षस के नाम पर रखा गया है और इस मंदिर में शिवजी के खंडित त्रिशूल की पूजा की जाती है. मंदिर से जुड़े रहस्य के बारे में जानने के लिए यहां पढ़ें.
नई दिल्ली: शास्त्रों की मानें तो देवी-देवताओं की खंडित मूर्ति (Broken Idol) की पूजा करना मना है. खंडित मूर्ति को बहते जल में विसर्जित कर दिया जाता है या फिर किसी पेड़ के नीचे रख दिया जाता है. लेकिन इस मामले में खंडित शिवलिंग () एक अपवाद है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि खंडित होने के बाद भी शिवलिंग की पवित्रता बनी रहती है इसलिए उसकी पूजा की जा सकती है. कुछ ऐसा ही वाक्या महादेव के एक मंदिर में देखने को मिलता है जहां उनके खंडित त्रिशूल की पूजा की जाती है. यह अनोखा शिव मंदिर जम्मू से 120 किलोमीटर दूर पटनीटॉप (Patnitop) के पास स्थित है जिसका नाम सुध महादेव मंदिर है. यह देश के सबसे प्राचीन मंदिरों में एक है (2800 साल पुराना मंदिर). सुध महादेव मंदिर (Sudh Mahadev) भगवान शिव के सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक है. इस मंदिर में एक विशाल त्रिशूल के 3 टुकड़े जमीन में गड़े हुए हैं और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ये स्वंय भगवान शिव के त्रिशूल (Lord Shiva Temple) के टुकड़े हैं. त्रिशूल के अलावा इस मंदिर में एक प्राचीन शिवलिंग, नंदी और शिव परिवार के सभी सदस्यों की मूर्तियां हैं.More Related News