
Ukraine-Russia War: क्या भारत सरकार ने यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने में की देरी? विपक्ष हुआ हमलावर
ABP News
Russia Ukraine War: भारतीयों को सहायता नहीं मिल पाने के लगातार आ रहे शिकायती वीडियो के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या भारत सरकार को अपने नागरिकों को यूक्रेन से पहले ही नहीं निकाल लेना चाहिए था?
Russia Ukraine War: यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के बीच खतरनाक होते हालातों को देख प्रधानमंत्री मोदी के आदेश पर सरकार के 4 बड़े मंत्री यूक्रेन से सटे पोलैंड, हंगरी और रोमानिया जैसे देश तो पहुंच रहे हैं मगर भारतीयों को सहायता नहीं मिल पाने के लगातार आ रहे शिकायती वीडियो के बाद अब विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रहा है और सवाल किया जा रहा है कि क्या भारत सरकार को अपने नागरिकों को यूक्रेन से पहले ही नहीं निकाल लेना चाहिए था? क्या ये एक बड़ी कूटनीतिक चूक नहीं है ? और कुछ नहीं तो क्या ये इंटेलीजेंस फेलियर नहीं है कि भारत सरकार ये भांप हीं नहीं पाई कि पुतिन इतने बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं?
15 फरवरी को जारी की गई पहली एडवाइजरी अगर हम भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरीपर भी नज़र डालें तो पहली एडवाइजरी 15 फरवरी को हीं जारी की गई थी. सवाल ये उठता है कि क्या सही आंकलन कर एडवाइजरीपहले नहीं जारी की जानी चाहिए थी ? हालांकि यहां आपको बता दें की जनवरी महिने में भारत सरकार ने एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म खोल कर यूक्रेन में सभी भारतीयों से उसे भरकर ये जानकारी देने को कहा था कि कौन-कौन कहां-कहां है ताकि सभी भारतीयों की पूरी जानकारी विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास के पास हो.