UGC से बिना मान्यता वाले संस्थान से डिग्री लेने वाले छात्र पर मुकदमा चल सकता है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
AajTak
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें कहा गया था कि यदि छात्र ने जिस संस्थान से अपनी डिग्री प्राप्त की है, वह बाद में यूजीसी की ओर से मान्यता प्राप्त नहीं पाया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें कहा गया था कि यदि छात्र ने जिस संस्थान से अपनी डिग्री प्राप्त की है, वह बाद में यूजीसी की ओर से मान्यता प्राप्त नहीं पाया जाता है, तो छात्र जिसने ऐसे संस्थान से अपनी शिक्षा पूरी की है उस पर नियत समय में डिग्री लेने के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है.
हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री नरबीर सिंह के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढींगरा द्वारा दायर याचिका, हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ है, जिसमें याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि छात्र को इस तथ्य की जानकारी नहीं थी कि संस्थान मान्यता प्राप्त नहीं है. याचिका के अनुसार, विश्वविद्यालय हिंदी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद जहां से प्रतिवादी ने अपनी डिग्री लेने की बात कही है उसे कई कोर्ट ने धोखाधड़ी माना, लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर विचार नहीं किया.
याचिका में आगे कहा गया है कि हाई कोर्ट यह समझन नहीं पाया कि प्रतिवादी/आरोपी ने जानबूझकर चुनाव के लिए नामांकन के लिए तीन अलग-अलग अवसरों पर झूठे हलफनामे दायर किए थे, क्योंकि उन्हें मालूम था कि उनकी शैक्षणिक डिग्री के बारे में घोषणा झूठी है.
याचिका में कहा गया, 'अलग-अलग समय पर कथित स्नातक की अलग-अलग तारीख डालना केवल लिपिकीय त्रुटि नहीं कहा जा सकता है, बल्कि यह मतदाताओं को धोखा देने, अधिक शैक्षणिक रूप से योग्य होने का गलत प्रभाव पैदा करने और संसद सदस्य/विधानसभा सदस्य को मिलने वाले मौद्रिक भत्ते लेने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास है. अगर किसी उम्मीदवार को अनियमित कॉलेज/विश्वविद्यालय से शिक्षा/डिग्री के गलत डिटेल प्रस्तुत करने पर सरकारी नौकरियों से वंचित/हटाया/प्रतिबंधित किया जा सकता है, तो इसी तरह किसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव के लिए उम्मीदवार को सार्वजनिक प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता है और वह सरकारी कार्यालय के भत्ते का फायदा नहीं ले सकता है. इस याचिका पर मंगलवार को जस्टिस ऋषिकेश रॉय और एस वी एन भट्टी की पीठ के समक्ष सुनवाई होनी है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में बीजेपी को बड़ी जीत मिलने के संकेत मिल रहे हैं. आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोपों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे के अनुसार बीजेपी को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि आम आदमी पार्टी 20 से कम सीटों पर सिमट सकती है.
दिल्ली दंगों के समय आम आदमी पार्टी की भूमिका पर सवाल उठे हैं. अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने पुलिस स्टेशन का दौरा किया था. भाजपा और कांग्रेस पर आरोप लगे कि वे दंगों के दौरान निष्क्रिय रहे. आम आदमी पार्टी ने अपने कोर वोटर मुस्लिम समुदाय का समर्थन खो दिया है. सर्वे के अनुसार, 83% मुस्लिम वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में थे, जो अब घटकर 20% रह गए हैं.
अरविंद केजरीवाल ने एग्जिट पोल्स पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा, कुछ एजेंसीज दिखा रही हैं कि गाली गलौज पार्टी की 55 से ज्यादा सीट आ रही हैं. पिछले दो घंटे में हमारे 16 उम्मीदवारों के पास फोन आ गए हैं कि 'AAP' छोड़ के उनकी पार्टी में आ जाओ, मंत्री बना देंगे और हर किसी को 15-15 करोड़ रुपये देंगे.
अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर विपक्षी सदन में हंगामा कर रहा है. हंगामे के कारण गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस बीच संसद परिसर में विपक्षी दलों के सांसदों ने प्रदर्शन किया. वे हाथों में तख्ती लिए नजर आए. इसपर लिखा था- बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान. सांसद हाथ में हथकड़ी लेकर प्रदर्शन करते दिखे.