Udaipur killing पर राजसमंद में तनाव, पुलिस और प्रदर्शनकारी भिड़े, पुलिसकर्मी गंभीर
AajTak
उदयपुर में हुए हत्याकांड के बाद राजसमंद में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. यहां भीम इलाके में पुलिस और प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए. इस घटना में पुलिसकर्मी की हालत गंभीर है.
Udaipur killing: उदयपुर में हुए हत्याकांड के बाद राजसमंद में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. यहां भीम कस्बे में पुलिस और प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए. इस घटना में पुलिसकर्मी की हालत गंभीर है. उन्हें पहले ब्यावर और फिर ब्यावर से अजमेर रेफर किया गया है. कस्बे में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है.
पुलिसकर्मी को अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती किया गया है. अस्पताल के बाहर भारी तादाद में पुलिस बल तैनात है. दरअसल, प्रदर्शनकारी उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान ही पुलिस ने की प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की और प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया.
कुछ युवकों ने धारदार हथियार से पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया. हमले में भीम थाने के कॉन्स्टेबल संदीप चौधरी गंभीर रूस से घायल हो गए. घायल कॉन्स्टेबल को ब्यावर रेफर किया गया. हालत ज्यादा गंभीर होने के कारण उन्हें अजमेर रेफर कर दिया गया.
घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम राहुल जैन, सिटी थाना अधिकारी सुरेंद्र सिंह जोधा, अजमेर एसपी विकास शर्मा और जिला कलेक्टर अंशदीप भी अस्पताल पहुंच गए. अस्पताल के बाहर भारी तादाद में पुलिसबल तैनात है. बता दें कि हत्याकांड के बाद दोनों आरोपियों को राजसमंद के भीम इलाके से ही गिरफ्तार किया गया था.
प्रदर्शनकारियों की भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने 10 राउंड से ज्यादा हवाई फायरिंग की. करीब 8 राउंड रबड़ की गोलियां फायर की गईं. सर्कल इंस्पेक्टर (CI) ने अपनी पिस्तौल से चार फायर किए. प्रदर्शनकारियों की भीड़ समुदाय विशेष के इलाके में घुसने की कोशिश कर रही थी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. कई लोग घायल हुए. रात से अभी तक पुलिस 4 बार प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग कर चुकी है.
उदयपुर हत्याकांड को कैसे दिया गया अंजाम?
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.