UAE में इसराइली राष्ट्रपति, क्या हैं इस ऐतिहासिक दौरे के मायने
BBC
फ़लस्तीनी इस्लामिक समूह हमास का कहना है कि इसराइल की अरब देशों में बढ़ती स्वीकार्यता से फ़लस्तीनियों के प्रति उसकी आक्रामकता और बढ़ेगी.
इसराइल के राष्ट्रपति रविवार को अपने पहले दौरे पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुँचे हैं. इसराइली राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग ने इस दौरे पर कहा है कि इसराइल यूएई की सुरक्षा में मज़बूती से खड़ा है.
यूएई और बहरीन अमेरिकी पहल के बाद इसराइल से 2020 में राजनयिक संबंध कायम किए थे. इसे 'अब्राहम अकॉर्ड्स' कहा गया था. खाड़ी के इन दोनों देश और इसराइल के लिए ईरान एक साझी चिंता है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इसराइली राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई के असली शासक माने जाने वाले प्रिंस शेख़ मोहम्मद बिन ज़ायद अल-नाह्यान से सुरक्षा के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर बात की.
पिछले कुछ हफ़्तों में यूएई पर दो बार ड्रोन हमले हुए है. कहा जा रहा है कि ये हमले यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने किए हैं. इसराइल ने यूएई को आगे इस तरह के हमलों से बचने के लिए रक्षा और ख़ुफ़िया मदद देने की पेशकश की है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इसराइली राष्ट्रपति हर्ज़ोग ने कहा, ''हम आपकी सुरक्षा ज़रूरतों को हिसाब से संपूर्ण मदद के लिए तैयार हैं. हम यहाँ एक साथ हैं और इस इलाक़े में लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.'' वहीं शेख़ मोहम्मद ने कहा कि इसराइल और यूएई क्षेत्रीय स्थिरता और शांति को लेकर एक जैसी सोच रखते हैं. उन्होंने कहा कि विद्रोहियों और आतंकवादियों के ख़तरों के लेकर दोनों देशों में सहमति है.