
Tuesday को मंगला गौरी व्रत-पूजा के बिना अधूरा है Sawan Somvar का Vrat, जानिए क्यों
Zee News
सावन में शिव-पूजा (Shiva Puja in Sawan) के साथ-साथ शक्ति की उपासना भी जरूरी है, इसीलिए सावन महीने में हर सोमवार (Monday) के बाद मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत किया जाता है. लड़कियां, सुहागिनें यह व्रत रखती हैं.
नई दिल्ली: भगवान शिव (Lord Shiva) की भक्ति के लिए सावन महीना (Sawan Mahina) बहुत खास होता है, इसलिए इस महीने में महादेव को समर्पित सोमवार का व्रत भक्ति-भाव से किया जाता है. हालांकि, ये बात कम ही लोग जानते हैं कि भगवान शिव की पूरी कृपा पाने के लिए उनके साथ-साथ उनकी पत्नी देवी पार्वती (Goddess Parwati) की भी पूजा-आराधना करना जरूरी है. यही वजह है कि सावन सोमवार के अगले दिन मंगला गौरी का व्रत और पूजा (Mangala Gauri Vrat-Puja) की जाती है. पुराणों में बताया गया है कि सावन महीने के हर मंगलवार को देवी पार्वती की पूजा-व्रत करने से सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं और जिंदगी में सुख-समृद्धि आती है. शिव जी के साथ-साथ देवी पार्वती का भी आशीर्वाद पाने के लिए सावन महीने के हर सप्ताह के पहले 2 दिनों - सोमवार और मंगलवार को शिव-पार्वती की आराधना के लिए समर्पित किया गया है. 27 जुलाई को सावन महीने का पहला मंगलवार है. इस दिन देवी पार्वती के मां गौरी रूप की पूजा की जाती है. मंगला गौरी की व्रत-पूजा कन्याएं, अविवाहित युवतियां और सुहागिनें सभी कर सकती हैं. यह व्रत मनचाहा जीवनसाथी, खुशहाल दांपत्य जीवन और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है.More Related News