
Trump Tariff Team: पीटर, स्कॉट, हॉवर्ड... ट्रंप की टैरिफ टीम की 'त्रिमूर्ति', जिनके आइडिया से हिल गई पूरी दुनिया
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नैवारो को चीन का सबसे बड़ा आलोचक मान जाता है. वह 2006 में China Wars और 2011 में Death by China नाम से दो किताबें भी लिख चुके हैं. इन किताबों में उनके चीन विरोधी विचारों को साफ समझा जा सकता है. नैवारो 2017 से2021 तक व्हाइट हाउस में नेशनल ट्रेड काउंसिल के डायरेक्टर पद पर रह चुके हैं. वह ट्रंप के America's First पॉलिसी के कट्टर समर्थक हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 70 से ज्यादा देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ से 90 दिनों की छूट दे दी है. लेकिन चीन को इस दायरे से बाहर रखा गया है. चीन पर 125 फीसदी का भारी-भरकम टैरिफ लगाया गया है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. ऐसे में यह समझना जरूरी हो जाता है कि ट्रंप के इस टैरिफ बम के आइडिया के पीछे कौन है?
यूं तो ट्रंप शुरुआत से ही टैरिफ के हिमायती रहे हैं. उनका मानना है कि सदियों से दुनियाभर के देशों ने उन्हें जमकर लूटा है. लेकिन अब अमेरिका और लूटने वाला नहीं है.
चीन के विरोधी और टैरिफ के आर्किटेक्ट हैं नैवारो
इनमें सबसे बड़ा नाम है पीटर नैवारो का. वह आर्थिक मामलों में डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार हैं. इन दिनों उनका नाम दुनियाभर में चर्चा में बना हुआ है. एलॉन मस्क के साथ टैरिफ को लेकर उनका विवाद सुर्खियां बटोर रहा है.
नैवारो को चीन का सबसे बड़ा आलोचक माना जाता है. वह 2006 में China Wars और 2011 में Death by China नाम से दो किताबें भी लिख चुके हैं. इन किताबों में उनके चीन विरोधी विचारों को साफ समझा जा सकता है. नैवारो 2017 से2021 तक व्हाइट हाउस में नेशनल ट्रेड काउंसिल के डायरेक्टर पद पर रह चुके हैं. वह ट्रंप के America's First पॉलिसी के कट्टर समर्थक हैं.
पीटर नैवारो को ट्रंप की टैरिफ नीतियों का आर्किटेक्ट मान जाता है. वह संरक्षणवाद (protectionism) और टैरिफ के जरिए अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने के पक्षधर हैं. उनकी सोच है कि हाई टैरिफ विदेशी आयात को महंगा करके अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगा और नौकरियों का सृजन करेगा.

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