)
Today History: भारत की अंतरिक्ष उड़ान से दुनिया की क्रांतिकारी गूंज तक, जानें 19 अप्रैल का अनमोल इतिहास
Zee News
Today History: हर दिन की तरह देश और दुनिया में 19 अप्रैल को भी कई ऐसी घटनाएं घटी हैं, जिनके कारण ये दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है. आज ही के दिन भारत ने खुद को अंतरिक्ष के क्षें में एक महाशक्ति के रूप में पेश किया था.
Today History: देश-दुनिया में हर दिन कोई न कोई घटना घटती रहती है. कई अच्छी-बुरी चीजें ऐसी होती हैं जो उस दिन के नाम से ही यादगार बन जाती हैं. इसी तरह 19 अप्रैल के दिन को भी कई घटनाओं ने मशहूर कर दिया. आज ही के दिन भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में उभरकर सामने आया था. देश के अंतरिक्ष के सफर में 19 अप्रैल का एक खास महत्व है. चलिए जानते हैं 19 अप्रैल की तारीख पर कौन-कौन सी घटनाएं इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो चुकी हैं.

India AI Based Weapon: भारत ने एक AI आधारित ऑटोनोमस लीथल वेपन सिस्टम Negev LMG विकसित किया है. ये दुश्मनों को पहचानकर निशाना बनाता है. 14,000 फीट की ऊंचाई पर इसका सफल परीक्षण किया गया है. इसकी खूबी है कि कठिन मौसम और जोखिम भरे इलाकों में बगैर मानव हस्तक्षेप के दुश्मनों से निपट सकता है. यह पाकिस्तान से घुसपैठ रोकने में प्रभावी साबित हो सकता है.

Internet History in India: भारत में इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त, 1995 को हुई. शुरू में केवल कॉरपोरेट घराने और अमीर लोग ही इसका उपयोग कर पाते थे, क्योंकि लागत काफी अधिक थी.1998 की नई दूरसंचार नीति ने निजी कंपनियों को मौका दिया, जिससे ब्रॉडबैंड और साइबर कैफे का चलन बढ़ा. 2016 में Reliance Jio के 4G लॉन्च ने सस्ता डेटा दिया और स्मार्टफोन भारत के गांव-गांव पहुंचाया.

T-90 Bhishma Tank Power: टी-90 भीष्म भारतीय सेना का एक शक्तिशाली टैंक है. भारतीय सेना के पास 1000 से अधिक टी-90 टैंक हैं. इस टैंक की मारक क्षमता 5 किमी है, जिसमें 125mm स्मूथ बोर गन और गाइडेड मिसाइलें हैं. इस टैंक में 2 किमी रेंज वाली एंटी एयरक्राफ्ट गन है, जो हेलीकॉप्टर को भी निशाना बना सकती है. यह टैंक प्रति मिनट 8 राउंड फायर कर सकता है।

First Use of Cannon in India: आधुनिक युद्धों में मिसाइल, ड्रोन और लेजर हथियारों का उपयोग होता है, लेकिन प्राचीन काल में तोपें युद्ध की ताकत थीं. भारत में तोप का पहला उपयोग 1526 में पानीपत के बाबर ने किया. बाबर की छोटी सेना ने इब्राहिम लोदी की विशाल सेना को तुलुघमा रणनीति और अराबा तकनीक के साथ तोपों की मदद से हराया.