Surge In Covid-19 Cases: क्या बढ़ते कोरोना केस दे रहे चौथी लहर का संकेत? IIT प्रोफेसर ने बताई वजह
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Surge In Covid-19 Cases: पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं. अब कोरोना से स्कूली बच्चे ज्यादा संक्रमित होते नजर आ रहे हैं. बढ़ते कोरोना केस पर IIT कानपुर (Kanpur) के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने अपनी राय रखी है.
पिछले करीब 2 हफ्तों से कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ने लगे हैं. अब स्कूली बच्चों पर इसका असर ज्यादा दिखाई दे रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोग ये सोचने लगे थे कि कहीं संक्रमण की चौथी लहर ने दस्तक तो नहीं दे दी है? ऐसे में आजतक ने कोरोना महामारी से जुड़े विशेषज्ञ, पद्मश्री से सम्मानित और IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल से बात की. उन्होंने बताया कि आखिर तीसरी लहर के बाद क्यों दोबारा कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और आखिर स्कूली बच्चों पर इसका प्रभाव ज्यादा क्यों देखा जा रहा है?
प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि लंबे समय से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे. लेकिन अब स्कूल खोल दिए गए हैं. बच्चे स्कूल जा रहे हैं और एक-दूसरे से मुलाकात भी कर रहे हैं. इसके अलावा देशभर के ज्यादातर शहरों से सभी तरह के प्रतिबंध हटा दिए गए हैं. इसलिए कोरोना के मामले बढ़ना शुरू हो गए हैं और स्कूली बच्चों पर इनका ज्यादा प्रभाव देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर स्कूल अभी ना भी खोले जाते तो आगे उन्हें खोलना पड़ता, उस समय भी केस बढ़ने का दौर शुरू हो जाता.
ओमिक्रॉन के बाद नहीं आया कोई म्यूटेंट
IIT कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि ओमिक्रॉन (Omicron) के बाद अभी तक कोरोना का कोई नया म्यूटेंट नहीं मिला है. साथ ही लोगों में अब ओमिक्रॉन वायरस के प्रति इम्यूनिटी डेवलप हो गई है. इसलिए अब डरने की जरूरत नहीं है. प्रो. अग्रवाल ने कहा कि लोगों को अब ये मान लेना चाहिए कि कोरोना कहीं जाने वाला. जैसे फ्लू होता है, ठीक ऐसे ही कोरोना भी अब यहीं रहेगा. इसलिए हमें सावधान रहने की जरूरत है और इससे डरने की जरूरत नहीं है.
जीनोम सीक्वेंसिंग जरूर करना चाहिए
प्रो. मणींद्र ने कहा कि वैक्सिनेशन (vaccination) का मुख्य उद्देश्य सीरियस बीमारी से लोगों को बचाना. वैक्सीन रोकने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां ज्यादा भीड़ है, वहां मास्क का प्रयोग करना चाहिए. ये जरूरी है, क्योंकि हमें सावधानी बरतनी होगी. उन्होंने कहा कि सरकार को जीनोम सीक्वन्सिंग जरूर करवानी चाहिए. इससे हमें पता चल जाता है कि कोई नया म्यूटेंट तो नहीं आ गया.
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