
Shiva Temple: आश्चर्य और रहस्य से भरा है ये शिव मंदिर जहां पूजा करना सख्त मना है, जानें कारण
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देश भर में ऐसे कई शिव मंदिर हैं जो अपने आप में अनोखे और अनूठे हैं. कहीं शिव जी के खंडित त्रिशूल की पूजा होती है तो कहीं धंसे हुए शिवलिंग की. लेकिन एक ऐसा शिव मंदिर भी है जहां शिवलिंग होने के बाद भी उसकी पूजा नहीं की जाती.
नई दिल्ली: भोलेनाथ शिव शंकर को देवों के देव महादेव (Mahadev) कहा जाता है और इंसान ही नहीं बल्कि देवता भी उनकी पूजा करते हैं. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि हमारे देश में एक ऐसा शिव मंदिर () भी जिसे देखने के लिए तो लोग दूर-दूर से आते हैं लेकिन यहां भगवान शिव की पूजा नहीं की जाती (Lord Shiva is not worshipped here). ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा करने वाला व्यक्ति बर्बाद हो जाता है. आखिर कहां है ये शिव मंदिर और इस शापित मंदिर से पीछे की कहानी क्या है, इस बारे में यहां पढ़ें. देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड स्थित पिथौरागढ़ के थल में 6 किलोमीटर दूर बल्तिर गांव में है यह शिव मंदिर जिसका नाम एक हथिया देवाल (Ek hathiya deval) है. इस मंदिर में शिवलिंग (Shivalinga) तो है, यहां भोलेनाथ की स्थापना तो की गई है लेकिन मंदिर में उनकी पूजा नहीं की जाती. इसका कारण ये है कि ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर शापित है (Cursed) और अगर कोई यहां पूजा करता है तो उसे भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और वह बर्बाद हो जाता है. इसलिए यहां आने वाले शिव भक्त भोलेनाथ से मन्नत तो मांगते हैं लेकिन पुष्प या जल चढ़ाकर उनकी पूजा नहीं करते.More Related News