Shani Katha: गणेश जी का मस्तक काटने पर शनिदेव को मिला था ये श्राप
ABP News
कुंडली में सभी ग्रह आमतौर पर तीव्र गति से राशि में परिवर्तन करते हें, लेकिन शनि की गति बेहद धीमी होती है. ऐसा उन्हें मां पार्वती से मिले श्राप के चलते है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों और कब हुआ.
ShaniKatha : मानव जीवन में हम जब भी कुंडली के माध्यम से अपनी जिंदगी के बारे में जानते हैं तो पता चलता है कि कुंडली में मौजूद सभी ग्रह तीव्र गति से राशि में परिवर्तन करते हैं, लेकिन शनि की गति बेहद सुस्त होती है. यहां तक कि वे सालों साल एक ही राशि में बने रहते हैं. इसका कारण मां पार्वती द्वारा दिया गया श्राप था, जिसके लिए सीधे तौर पर खुद शनिदेव भी जिम्मेदार नहीं थे. पौराणिक कथाओं के अनुसार शनिदेव भगवान शंकर और पार्वती के पुत्र गणेश जी के जन्मोत्सव कार्यक्रम में कैलाश पर्वत पहुंचे, यहां वह लगातार अपनी निगाह नीचे किए हुए थे. पार्वती जी को पूरा मामला समझ नहीं आया तो उन्होंने शनिदेव से इसकी वजह पूछी. पहले तो शनिदेव सकपकाए, लेकिन बार-बार पूछने पर उन्होंने इसकी वजह बताई कि उनकी उनकी दृष्टि से किसी को भी घातक हानि पहुंच सकती है. इसे मजाक समझते हुए मां पार्वती उनका उपहास करने लगीं.More Related News