Shani Dev: शनि की महादशा में भूल कर भी नहीं करने चाहिए ये काम, शनि देव होते हैं नाराज
ABP News
Shani Mahadasha: शनि देव का नाम सुनकर ही लोगों को भय होने लगता है. लेकिन ऐसा नहीं है. शनि देव शुभ फल भी प्रदान करते हैं. शनि अपनी दशा में सबसे अधिक प्रभाव डालते हैं.
Shani Mahadasha: शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में विशेष स्थान प्रदान किया गया है. शनि देव ने भगवान शिव की तपस्या की थी. शनि देव को भवगान शिव ने वरदान दिया हुआ है कि उनकी दृष्टि से कोई नहीं बच सकता है. देवता भी शनि की दृष्टि से नहीं बच सकते हैं. इसीलिए शनि देव अपनी दृष्टि को हमेशा नीचे करके रखते हैं. शनि को ज्योतिष शास्त्र में न्याय करने वाला ग्रह माना गया है. शनि का स्वभाव क्रूर माना गया है. शनि की चाल अत्यंत धीमी है. शनि एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में लगभग ढाई वर्ष का समय लेते है. शनि परिश्रम का कारक भी है. इसीलिए शनि प्रधान व्यक्ति जीवन में कठोर परिश्रम करते हैं. शास्त्रों में शनि देव को सूर्य पुत्र कहा गया है. शनि की माता का नाम छाया है.More Related News