'SC के लोगों को राजनीतिक पार्टियां गुलाम बनाकर रखती हैं', 90 साल के BJP विधायक का बड़ा बयान
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BJP सरकार में मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष रहे कैलाश मेघवाल ने अपने एक भाषण में कहा कि अनुसूचित जाति (ST) के लोगों को राजनीतिक पार्टियां गुलामों की तरह रखती हैं. उनको स्वतंत्र बोलने की आजादी नहीं होती है. अगर ST के राजनेता स्वतंत्र बोलते तो टिकट कट हो जाते हैं, इसलिए राजनीति में हमें कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है.
राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के पूर्व स्पीकर विधायक कैलाश मेघवाल ने सभी राजनीतिक पार्टियों पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि साल 1952 से ही शाहपुरा विधानसभा अनुसूचित जाति (ST) के लिए आरक्षित है. यह कहने में मुझे आज की राजनीति में कोई ऐतराज नहीं है कि शेड्यूल कास्ट के लोगों को राजनीतिक पार्टियां गुलाम की तरह रखती हैं. उनको स्वतंत्र बोलने की आजादी नहीं होती है. अगर ST के राजनेता स्वतंत्र बोलते तो टिकट कट हो जाते हैं, इसलिए राजनीति में हमें कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है.
भाजपा के प्रमुख दलित चेहरे कैलाश मेघवाल राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में शाहपुरा प्रेस क्लब भवन लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम के दौरान जिला पत्रकार सम्मेलन का भी आयोजन किया गया, जिसमें भीलवाड़ा जिले के अधिकतर पत्रकार मौजूद थे. उनकी उपस्थिति में मेघवाल ने यह हमला बोल कर सभी को चौंका दिया.
कुछ दिनों पहले भी कैलाश मेघवाल ने मीडिया से रूबरू होते हुए अपनी 90 साल उम्र के बावजूद इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने की इच्छा जताई और कहा, मैं पूर्ण रूप से राजनीति में सक्रिय हूं और पार्टी के 70 साल से अधिक उम्र वाले फॉर्मूले के बावजूद हम जैसे वरिष्ठ लोगों पर यह फॉर्मूला लागू नहीं होगा. यह हमारे राष्ट्रीय महामंत्री स्वयं स्पष्ट कर चुके हैं.
मेघवाल ने यह भी कहा कि इस देश को न तो मुगलों ने चलाया, न अंग्रेजों ने चलाया और न इस देश को आज के राजनेता चला रहे हैं, इस देश को साफ रूप से चला रहे हैं तो सन्यासी परंपरा के अग्रदूत. मैं इस मंच से ऐसे श्री श्री 1008 राम दयाल जी महाराज का हृदय से स्वागत करता हूं. यह धर्म की ध्वजा शाहपुरा में ही नहीं, सारे देश और दुनिया में फैला रहे हैं. वह बहुत बड़ा काम कर रहे हैं.
भाजपा के वरिष्ठ और बुजुर्ग नेता मेघवाल का यह बयान उस समय आया है, जब पार्टी के नेता ओम माथुर विधानसभा चुनावों में 30-40 प्रतिशत विधायकों के टिकट करने की बात कह चुके हैं. ऐसे में मेघवाल का सभी राजनीतिक पार्टियों पर हमला कहीं न कहीं उनके टिकट कटने के भय की आशंका को जन्म देता है.
बता दें कि बीजेपी के टिकट पर कैलाश मेघवाल लगातार साल 1977 से विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़कर राज्य और केंद्र में मंत्री बने. साथ ही विधानसभा के स्पीकर रहे हैं. फिलहाल वह विधायक हैं.
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