![Satyam Shivam Sundaram: शिवलिंग परिक्रमा के दौरान भूलकर भी न करें ऐसा, रखें इन बातों का ध्यान वरना हो सकता है अनिष्ट!](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/28/9c2c83b7ddc733d554991b4e02bf9cd5_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&imheight=628)
Satyam Shivam Sundaram: शिवलिंग परिक्रमा के दौरान भूलकर भी न करें ऐसा, रखें इन बातों का ध्यान वरना हो सकता है अनिष्ट!
ABP News
हिंदू धर्म (Hindu Dharam) में भगवान शिव (Bhagwan Shiva) को महादेव कहा जाता है. जो भोलेशंकर (Bholeshankar) को प्रसन्न कर लेता है समझो उसने जन्म-जन्मातर के इस बंधन को हमेशा के लिए पार कर लिया.
Shivling Parikarma Niyam: हिंदू धर्म (Hindu Dharam) में भगवान शिव (Bhagwan Shiva) को महादेव कहा जाता है. कहते हैं इस जन्म में जिसने भोलशंकर (Bholeshankar) को प्रसन्न कर लिया, उन्होंने जन्म-जन्मातर के इस बंधन को हमेशा के लिए पार कर लिया. मान्यता है कि भोलेनाथ भक्तों से बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. अगर सच्चे दिल से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना और व्रत किए जाएं, तो वे प्रसन्न होकर मन वांछित फल देते हैं. इसलिए भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग सोमवार को व्रत रखते हैं. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन मंदिर में जाकर शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाया जाता है. लेकिन इस दौरान कई तरह की भूल हो जाती है, जिससे भगवान रुष्ट हो जाते हैं. आइए डालते हैं इन पर एक नजर.
शिवलिंग की परिक्रमा न करें पूरीधर्म शास्त्रों में शिवलिंग की परिक्रमा के लिए कुछ नियमों का उल्लेख किया गया है. अगर इनका पालन न किया जाए, तो शिव अराधना का फल नहीं मिलता. धर्म ग्रंथों में शिवलिंग की आधी परिक्रमा करने को कहा गया है. चंद्राकार परिक्रमा करने को कहा गया है. मान्यता है कि शिवलिंग की पूरी परिक्रमा करनी वर्जित है. शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा बाईं ओर से शुरू करनी चाहिए. इसके बाद आधी परिक्रमा करके फिर लौटकर उसी जगह वापस आ जाते हैं, जहां से परिक्रमा शुरू की थी.