Santosh Patil Suicide: सुसाइड से पहले कॉन्ट्रैक्टर ने PM मोदी से की थी मंत्री ईश्वरप्पा की शिकायत, जानें क्या आरोप लगाए थे?
AajTak
Contractor Santosh Patil Suicide: कर्नाटक में कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल की सुसाइड का मामला तूल पकड़ चुका है. मंत्री ईश्वरप्पा पर FIR हो गई है, वहीं कांग्रेस ने इसपर हल्ला बोल दिया है. संतोष पाटिल ने पीएम मोदी से भी ईश्वरप्पा की शिकायत की थी. जानिए उस लेटर में क्या लिखा गया था.
Contractor Santosh Patil Suicide: कर्नाटक में एक कॉन्ट्रैक्टर के सुसाइड केस में मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता ईश्वरप्पा (Eshwarappa) फंसते दिख रहे हैं. कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल ने सुसाइड से पहले कई बार मंत्री ईश्वरप्पा को भ्रष्ट बताया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था.
संतोष पाटिल ने मंत्री ईश्वरप्पा को ही अपनी मौत का जिम्मेदार भी ठहराया था. संतोष की कथित आत्महत्या के बाद उनके भाई ने शिकायत दी, जिसके बाद अब मंत्री ईश्वरप्पा समेत तीन लोगों पर FIR दर्ज हुई है.
बता दें कि ईश्वरप्पा बसवराज बोम्मई की सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री (RDPR) हैं. उनपर कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल ने घूस मांगने का आरोप लगाया था. कहा गया था कि ईश्वरप्पा उनके काम की बकाया राशि देने के बदले 40 फीसदी कमीशन की मांग कर रहे हैं.
40 साल के संतोष पाटिल हिंदू वाहिनी ग्रुप के राष्ट्रीय सचिव भी थे. उनको पिछले एक साल में कर्नाटक में कुछ सरकारी कॉन्ट्रैक्ट मिले थे, जिनका बकाया पैसा लिया जाना था. संतोष का आरोप था कि काम पूरा होने के बाद जब बकाया राशि मांगी गई तो बदले में 40 फीसदी कमीशन की मांग हुई और ईश्वरप्पा खुद उनको इसके लिए तंग कर रहे थे.
पीएम मोदी-गिरिराज सिंह को लिखा था पत्र
संतोष पाटिल ने पिछले महीने पीएम नरेंद्र मोदी, ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को एक पत्र लिखा था. इसमें ईश्वरप्पा और उनके कुछ सहयोगियों के नाम थे. आरोप था कि वे लोग पाटिल को कमीशन के लिए परेशान कर रहे हैं. हालांकि, ईश्वरप्पा ने पाटिल को पहचाने से भी इनकार कर दिया था. बाद में उन्होंने पाटिल पर मानहानि का केस भी किया था.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.