
Salary बढ़ने की खुशी हो जाएगी गायब! 'New Wage Code' लागू होने के बाद बदल जाएगी आपकी सैलरी स्लिप, जानिए
Zee News
New Wage Code: वेज कोड बिल 2019, जिसे कोड ऑफ वेजेस 2019 भी कहते हैं, ये Wage की परिभाषा को ही पूरी तरह बदल देगा. जब ये लागू होगा तब बेसिक वेज कुल सैलरी से 50 परसेंट से कम नहीं होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि अक्टूबर से नया वेज कोड लागू हो सकता है.
नई दिल्ली: New Wage Code: इस साल कोरोना महामारी की वजह से कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की, हालांकि कई कंपनियों ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बावजूद अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई भी है. अगर आप इस बात से खुश हैं कि आपकी सैलरी बढ़ने के बाद आपकी टेक होम सैलरी ज्यादा हो गई है तो आपकी ये खुशी ज्यादा समय तक नहीं रहने वाली है. क्योंकि नया वेज कोड (New Wage Code) लागू होने के बाद आपकी टेक होम सैलरी तो घटेगी ही, टैक्स का बोझ भी बढ़ सकता है. किसी कर्मचारी की Cost-to-company (CTC) में तीन से चार कंपोनेंट होते हैं. बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), रिटायरमेंट बेनेफिट्स जैसे PF, ग्रेच्युटी और पेंशन और टैक्स बचाने वाले भत्ते जैसे- LTA और एंटरटेनमेंट अलाउंस. अब नए वेज कोड में ये तय हुआ है कि भत्ते कुल सैलरी से किसी भी कीमत पर 50 परसेंट से ज्यादा नहीं हो सकते. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 50,000 रुपये महीना है. तो उसकी बेसिक सैलरी 25,000 रुपये होनी चाहिए और बाकी के 25,000 रुपये में उसके भत्ते आने चाहिए. यानी अभी तक जो कंपनियां बेसिक सैलरी को 25-30 परसेंट रखती थीं, और बाकी का हिस्सा अलाउंस का होता था, वो अब बेसिक सैलरी को 50 परसेंट से कम नहीं रख सकती हैं. ऐसे में कंपनियों को नए वेज कोड के नियमों को लागू करने के लिए कई भत्तों में कटौती भी करनी पड़ेगी.More Related News