![Sahitya Aaj Tak Lucknow: 'हिंदुओं को मिलना चाहिए शांति का नोबेल पुरस्कार...', साहित्य आजतक के मंच पर बोले मनोज मुंतशिर](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202401/65abb4bb4e6fd-manoj-muntshir-205538583-16x9.png)
Sahitya Aaj Tak Lucknow: 'हिंदुओं को मिलना चाहिए शांति का नोबेल पुरस्कार...', साहित्य आजतक के मंच पर बोले मनोज मुंतशिर
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मनोज मुंतशिर ने कहा कि, सिर्फ कुछ घंटों बाद राम प्रतिष्ठा होने वाली है. अगर ये सपना है तो मैं चाहता हूं कि ये सपना जीवन भर न टूटे. मैं चाहता हूं कि ये सपना जीवन भर बना रहे. उन्होंने कहा कि, यह बहुत बड़ी विडंबना वाली बात रही है कि हमें अपने ही देश में यह साबित करते रहना पड़ा है कि श्रीराम का जन्म यहीं अयोध्या में हुआ था.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज से 'साहित्य आजतक-लखनऊ 2024' के दूसरे संस्करण का आगाज हो गया है. यह आयोजन शनिवार 20 और रविवार 21 जनवरी 2024 को अंबेडकर मेमोरियल पार्क, गोमती नगर, लखनऊ में हो रहा है. 'साहित्य आजतक लखनऊ' में 'मेरे घर राम आए हैं' सेशन के दौरान गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने मुथ्य अतिथि के तौर पर शिरकत की. इस दौरान उन्होंने मंच से श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अपने भाव व्यक्त किए, साथ ही कहा, मैं बहुत भाव विह्वल हूं कि श्रीराम ने मुझे बुलाया है.
मंच पर पहुंचते ही मनोज मुंतशिर ने जय श्रीराम का कई बार उद्घोष किया और लोगों से अपील करते हुए कहा कि, इतनी जोर से उद्घोष कीजिए कि मंगल ग्रह तक आवाज जाए. जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने कभी सोचा था कि राम मंदिर बनेगा. उन्होंने कहा, सच कहूं तो मैंने सच में ऐसा कभी नहीं सोचा था. उन्होंने कहा कि मैं बहुत आशावादी हूं, इसी उत्तर प्रदेश की पैदाइश हूं. यहीं अमेठी में पला-बढ़ा, लेकिन मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा. लेकिन आज जब ये राम मंदिर बन रहा है तो सच कहूं कि ये किसी स्वप्न जैसा लगता है. डर लगता है कि कहीं कोई इस सपने से मुझे जगा न दे.
मनोज मुंतशिर ने कहा कि, सिर्फ कुछ घंटों बाद राम प्रतिष्ठा होने वाली है. अगर ये सपना है तो मैं चाहता हूं कि ये सपना जीवन भर न टूटे. मैं चाहता हूं कि ये सपना जीवन भर बना रहे. उन्होंने कहा कि, यह बहुत बड़ी विडंबना वाली बात रही है कि हमें अपने ही देश में यह साबित करते रहना पड़ा है कि श्रीराम का जन्म यहीं अयोध्या में हुआ था. उन्होंने कहा कि यह बड़ी वेदना थी कि 1885 से 2029 तक हम यही कानूनी लड़ाई लड़ते रहे.
ये बात मुझे हमेशा व्यथित करती रही कि, क्या क्या हम राम मंदिर मक्का में मांग रहे थे, मदीना में मांग रहे थे. हम तो ये अयोध्या मे मांग रहे थे. उन्हें तो ये प्यार से दे देना चाहिए था, लेकिन इतने साल ये वाहियाद कानूनी लड़ी गई. वो सरकारी वकील जो साल में रामनवमी, दशहरे दिवाली की छुट्टी लेते थे, उन्हें भी कोर्ट में ये सबूत चाहिए था कि क्या श्रीराम थे. मनोज मुंतशिर ने आगे कहा कि, जैसे ही हमने अपना मंदिर मांग लिया. हम असहिष्णु हो गए.
आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, क्या ऐसा कोई उदाहरण कहीं मिलेगा, जो मिजोरिटी में रहा हो, उसे 500 साल तक अपने अधिकार की लड़ाई लड़नी पड़ी और वह भी बिना खून की नदियां बहाए. मैं कैसे बताऊं कि ये हिंदू कितना सहिष्णु है. अगर विश्व शांति का नोबेल किसी को देना हो तो किसी एक व्यक्ति को नहीं, 100 करोड़ भारतीयों को देना चाहिए, जिन्होंने इतनी शांति से अपने हक की लड़ाई लड़ी है. उन्होंने आगे कहा, 'जिसमें गिरती हैं सभी नदियां वो सिंधु हैं हम, सारी दुनिया को वतन कहते हैं, हिंदू हैं हम.'
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आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं यह रेलवे का कुप्रबंधन है जिसके कारण इतने लोगों की जान चली गई. रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कुंभ पर सवाल पूछे जाने पर पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि 'कुंभ का क्या कोई मतलब है, फालतू है कुंभ.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई, जिसमें 9 महिलाएं और कई बच्चे शामिल हैं. स्टेशन पर बिखरे सामान, जूते और कपड़े इस घटना की गवाही दे रहे हैं. भगदड़ के दौरान लोग जान बचाने के लिए सीढ़ियों और एस्केलेटर पर दौड़ पड़े. प्लेटफॉर्म पर सीमित जगह के कारण स्थिति और भी भयावह हो गई. देखें वीडियो.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ पर रेलवे का बयान सामने आया है. नॉर्दर्न रेलवे के CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार, प्लेटफॉर्म 14-15 के बीच फुटओवर ब्रिज की सीढ़ियों पर एक यात्री के फिसलने से भगदड़ मच गई. उन्होंने बताया कि इस समय प्लेटफॉर्म 14 पर मगध एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म 15 पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी थी. देखें वीडियो.
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प्रयागराज में संगम स्नान के बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (डीडीयू) पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त दबाव देखने को मिल रहा है. हालात को संभालने के लिए RPF और GRP की टीम तैनात है, लेकिन यात्रियों की भारी भीड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ के बाद तस्वीरें सामने आई हैं. अपनी जान बचाने के लिए कई लोगों ने फुटओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म शेड पर छलांग लगा दी, जिससे कई यात्री घायल हो गए. भगदड़ के बाद प्लेटफॉर्म पर जूते, बैग, टूटी चप्पलें और यात्रियों का सामान बिखरा पड़ा है, जिसे अब हटाने का काम जारी है.
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर हुई भगदड़ के भयावह मंजर को याद कर लोगों की रूह कांप रही है. हादसे की गवाह एक महिला ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ प्रयागराज जाने के लिए निकली थीं. महिला ने कहा कि हम आधे घंटे तक दबे रहे, मेरी ननद की मौत हो गई... हम उसे उठाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मुंह से झाग आ रहा था.