
RT-PCR टेस्ट संबंधी नियम पर केंद्र और केरल सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस
NDTV India
अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानना है कि याचिकाकर्ता का जो मामला है, उसमें जब वह दूसरों के लिए खतरा नहीं है और टीकाकरण वैकल्पिक है, तो उसे हर 72 घंटे में आरटी-पीसीआर परीक्षण कराने के लिये मजबूर नहीं किया जा सकता है. याचिकाकर्ता केरल पर्यटन विकास निगम (केटीडीसी) का एक कर्मचारी है.
केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने राज्य एवं केंद्र सरकारों से बुधवार को पूछा है कि यदि किसी व्यक्ति से दूसरों को कोविड-19 संक्रमित किए जाने की संभावना नहीं है तो उसे काम पर जाने या किसी अन्य गतिविधि हेतु प्रत्येक 72 घंटे में आरटी-पीसीआर जांच कराने के लिए कैसे मजबूर किया जा सकता है?एक व्यक्ति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने केरल की सरकार से यह सवाल पूछा है. याचिकाकर्ता टीका लेने से मना कर दिया और कोविड के उन दिशानिर्देशों को चुनौती दी है, जिसमें काम पर अथवा दुकान पर जाने के लिये कोविड निरोधक टीके की कम से कम एक खुराक लेने, आरटी-पीसीआर जांच की 72 घंटे के अंदर की निगेटिव रिपोर्ट लाने का प्रावधान है. इसमें यह भी कहा गया है कि व्यक्ति यदि कोविड संक्रमित हुआ भी है तो उसके संक्रमित होने की अवधि एक माह से अधिक होनी चाहिए.More Related News