RRB JE Answer Key 2024: जारी हुई आरआरबी जेई आंसर की, तय तिथि में दर्ज कर सकेंगे आपत्ति
AajTak
रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) की ओर से जूनियर इंजीनियर भर्ती 2024 परीक्षा का आयोजन देशभर में निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर 16, 17 एवं 18 दिसंबर 2024 को करवाया गया था. एग्जाम संपन्न होने के बाद अब आरआरबी की ओर से उम्मीदवारों के लिए प्रोविजनल आंसर की डाउनलोड के लिए उपलब्ध करवा दी गई है.
रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने जूनियर इंजीनियर (JE), डिवीजनल मेंटेनेंस सुपरवाइजर (DMS) और सेंटरलाइज्ड एम्प्लॉयमेंट नोटिफिकेशन (CEN) नंबर 03/2024 के तहत सीबीटी-1 (पहला चरण कंप्यूटर आधारित परीक्षण) का उत्तर कुंजी जारी कर दी है. यह परीक्षा 16 से 18 दिसंबर 2024 तक आयोजित की गई थी।. अब उम्मीदवार अपने प्रश्न पत्र, उत्तर और उत्तर कुंजी को देख सकते हैं.
28 दिसंबर के बाद नहीं दर्ज करा सकेंगे आपत्ति
जो उम्मीदवार सीबीटी-1 परीक्षा में शामिल हुए थे, वे अब अपने प्रश्न पत्र, उत्तर और संबंधित आसंर की चेक कर सकते हैं. इसके लिए आधिकारिक लिंक 23 दिसंबर 2024 को 18:00 बजे से लेकर 28 दिसंबर 2024 को 23:55 बजे तक आरआरबी की वेबसाइटों पर उपलब्ध रहेगा. इस दौरान, उम्मीदवारों को प्रश्नों, विकल्पों या उत्तर कुंजी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर आपत्ति उठाने का मौका मिलेगा.
इस स्टेप्स को फॉलो कर चेक करें आसंर की
Step 1- आरपीएफ एसआई आंसर की 2024 डाउनलोड करने के लिए आपको पहले आधिकारिक वेबसाइट rrbcdg.gov.in पर जाना होगा.Step 2- वेबसाइट के होम पेज पर एसआई (CEN 03/2024 JE Others) पर क्लिक करना होगा.Step 3- अब अभ्यर्थी आंसर की के लिंक पर क्लिक करें.Step 4- इसके बाद मांगी गई डिटेल दर्ज करके सबमिट करें.Step 5- अब आप आंसर की डाउनलोड कर सकते हैं.Step 6- इसके साथ ही आप यहीं से आपत्ति भी दर्ज कर सकते हैं.
आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया उम्मीदवार किसी भी गलत प्रश्न, विकल्प या उत्तर के खिलाफ आपत्ति दर्ज कर सकते हैं, और इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया को पालन करना होगा. आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए प्रति प्रश्न 50 रुपये शुल्क लिया जाएगा, इसके साथ बैंक सेवा शुल्क भी लागू होगा. यदि आपत्ति सही पाई जाती है, तो शुल्क को संबंधित बैंक शुल्क काटने के बाद वापस कर दिया जाएगा.
केंद्र सरकार ने अब नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला किया है. इस पॉलिसी के हटने के बाद क्या स्कूली शिक्षा बेहतर होगी. क्या इससे बच्चों को परीक्षा में फेल करना आसान होगा. इससे स्कूली शिक्षा कितनी बदल जाएगी. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि इस पॉलिसी के हटने के बाद स्कूली शिक्षा पर क्या असर देखने को मिलेगा.