Ramayan : परस्त्री नहीं, अपनी ही बेटी पर बुरी नजर डालने से हुआ रावण का नाश
ABP News
दशानन रावण का नाश परस्त्री हरण ही नहीं, अपनी पुत्री पर बुरी नजर डालने के चलते हुआ था. वाल्मीकि रामायण के मुताबिक माता सीता का जन्म राजा जनक की ओर से बारिश के लिए चलाए गए हल से टकराकर निकले घड़े से हुआ था, लेकिन वह जनकपुत्री होने से पहले रावण पुत्री थीं, आज हम आपको बताएंगे कि रावण ने उनके साथ ऐसा क्या किया, जिससे उन्हें धरती से जन्म लेना पड़ा.
Ramayan : निसंतान रहे मिथिला नरेश जनक ने धरती से मिलीं सीता को अपनी पुत्री मानकर लालन-पालन किया और स्वयंवर के जरिए वह श्रीराम की अर्धांगिनी बनीं. मगर असल में सीता रावण और मंदोदरी की बेटी थी. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बनीं भगवान विष्णु की उपासक वेदवती. सीता इन्हीं वेदवती का पुनर्जन्म थीं. वेदवती बेहद सुंदर, सुशील और धार्मिक कन्या थीं. वह विष्णु उपासक होने के साथ उनसे ही विवाह करना चाहती थीं. वेदवती अपनी इच्छा पूर्ति के लिए सांसारिक जीवन छोड़ उपवन में कुटिया बनाकर तपस्या में लीन हो गईं. इस दौरान एक दिन रावण वहां से निकला तो सुंदर वेदवती को देखकर मोहित हो उठा. अपनी आदत के चलते उसने वेदवती से दुर्व्यवहार करना चाहा, आहत होकर वेदवती ने हवन कुंड में कूदकर जान दे दी. मगर मरने से पहले उन्होंने रावण को श्राप दिया कि वो खुद रावण पुत्री के रूप में जन्म लेकर उसकी मृत्यु का कारण बनेंगी.More Related News