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Raj Ki Baat: पंजाब में किंगमेकर बनकर नवजोत सिंह सिद्धू ने क्या खोया और क्या पाया?
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Raj Ki Baat: शुरू में तो नवजोत सिंह सिद्धू हावी दिखाई पड़े, लेकिन चरणजीत सिंह चन्नी ने दिल्ली दरबार का चक्कर मारने के तुरंत बाद सिद्धू के अरमानों की चवन्नी बना दी.
Raj Ki Baat: सियासत भी कभी-कभी क्रिकेट की तरह पल-पल रंग बदलती है. कभी कुछ बड़े आसमानी शॉट्स मैच का रुख बदलते हैं तो कभी विकेट चटकाकर पासा पलट दिया जाता है. वैसे ही सियासत में तमाम विपरीत हालात में लिए गए साहसिक या लीक से अलग हटकर फैसले राजनीतिक तापमान और वातावरण को बदल देते हैं. पंजाब में पिछले कुछ समय से ऐसा ही सियासी क्रिकेट क्लाईमेक्स से पहले खेला जा रहा है. कभी नवजोत सिंह सिद्धू को मिली पार्टी की अगुवाई तो कैप्टन अमरिंदर की हुई विदाई और रुसवाई भी. अब नाइटवॉचमैन बनाकर भेजे गए चरणजीत सिंह चन्नी को सत्ता की मलाई मिली, दलित कार्ड का बड़ा ट्रंप कार्ड खेल कांग्रेस ने बिखरती पारी संवारने की कोशिश की, लेकिन सिद्धू के आत्मघाती शॉट ने कांग्रेस के लिए मैच फिर से फंसा दिया. खुद सिद्धू रिटायर्ड हर्ट हैं और उनके भविष्य पर सवाल है.
इस पूरे घटनाक्रम की खास बात है कि इसमें तीनों कालखंड यानी भूत, भविष्य और वर्तमान का मिश्रण है. अतीत की नींव पर वर्तमान के लीक से हटकर लिए फैसलों से भविष्य की लिखी जा रही इबारत का फलसफा भी है. मगर कठिन मोड़ पर लिए गए जिस फैसले से कांग्रेस को बढ़त मिलनी थी, नवजोत सिंह सिद्धू की हमेशा गेंदबाज और अंपायर के सिर के ऊपर से सिक्सर मारने की आदत ने कांग्रेस का मैच फिर फंसा दिया. पंजाब में चुनावी क्रिकेट में सिद्धू ने इस बार अंपायर से ही नहीं, बल्कि चयनकर्ता यानी पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को भी नाराज कर लिया है. चन्नी ने सिद्धू को मना तो लिया है, लेकिन पार्टी आलाकमान का भरोसा फिलहाल अब सिद्धू पर नहीं रहा.