Rainfall Alert: हिमाचल-उत्तराखंड में हजारों टूरिस्ट फंसे, 300 से ज्यादा सड़कें बंद, हर तरफ लैंडस्लाइड से तबाही
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हिमाचल प्रदेश में इन दिनों कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है. भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड की तस्वीरें सामने आ रही हैं. इसके चलते हिमाचल प्रदेश में कई सड़कें ब्लॉक हो गई हैं. आइए जानते हैं क्या है हिमाचल प्रदेश का हाल.
मॉनसून के एक्टिव होते ही देश के कई राज्यों में बारिश का सिलसिला देखने को मिल रहा है. मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी राज्यों तक बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं. पहाड़ों पर बारिश अपने साथ आफत लेकर आई है. हिमाचल प्रदेश में सोमवार को फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड के चलते चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे ब्लॉक हो गया, जिससे सैकड़ों यात्री मंडी में ही फंस गए. लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड के चलते 70 किलोमीटर लंबा मंडी-पंडोह-कुल्लू मार्ग पूरी तरह प्रभावित हुआ है. वहीं, उत्तराखंड में भी लगातार बारिश की वजह से लैंडस्लाइड हुआ, जिससे कई सड़कें अवरुद्ध हो गईं, जबकि गंगा सहित कई नदियों में जलस्तर बढ़ गया है.
हिमाचल-उत्तराखंड में 300 से ज्यादा सड़कें ब्लॉक हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते करीब-करीब 301 सड़कें बंद कर दी गई हैं और उत्तराखंड में करीब 43 सड़कें बंद हैं. इसी को देखते हुए सीएम धानी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि अगर मौसम खराब है तो अपनी यात्रा रोक दें और मौसम विभाग के पूर्वानुमान का पालन करें. वहीं, हिमाचल में 140 पावर ट्रांसफॉर्मर बाधित हुए. भारी बारिश के कारण मंडी शहर से लगभग 40 किमी दूर औट के पास पंडोह-कुल्लू मार्ग पर खोतिनल्ला में अचानक बाढ़ आ गई और यात्री रविवार शाम से ही वहां फंसे हुए हैं. मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि लैंडस्लाइड के चलते ब्लॉक हुआ मंडी-कुल्लू मार्ग वाया कटोला लगभग 20 घंटे बाद खोला गया और छोटे वाहनों को अब इससे भेजा जा रहा है.
इस बीच, मंडी-पंडोह खंड, जो भूस्खलन के बाद 6 मील तक ब्लॉक हो गया था, को एक तरफा से यातायात के लिए खोल दिया गया है, लेकिन वाहन धीमी गति से चल रहे हैं. अधिकारियों ने कहा, सड़कों को ब्लॉक करने वाले भारी पत्थरों को हटाने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया. साथ ही, मंडी से जोगिंदरनगर तक का रास्ता मंडी के पास मैगल में यातायात के लिए ब्लॉक कर दिया गया है. यात्रियों को सलाह दी गई है कि जब तक रास्ता खोला न जाए तब तक वो मंडी की तरफ प्रस्थान न करें.
मंडी में फंसे हैं यात्री चंडीगढ़ से आए एक यात्री ने बताया कि वो रविवार शाम से मंडी में फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस वजह से काफी परेशानी भी हो रही है. उन्होंने कहा कि यहां पर होटलों की संख्या और ठहरने की जगह भी सीमित हैं. आगे उन्होंने बताया कि मंडी आने-जाने के रास्ते पर करीब 2 किलोमीटर लंबा जाम लगा है. हालांकि पुलिस और प्रशासन ने इस मार्ग पर कई जगहों पर यातायात रोक दिया है.
30 जून तक खोली जाएंगी सभी सड़कें पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भारी बारिश के कारण 301 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. इनमें से 180 सड़कें सोमवार शाम तक खोला जाना था. वहीं, 15 सड़कों को आज (मंगलवार) को खोला जाएगा और बाकी की बची सड़कों को 30 जून तक खोल दिया जाएगा. सड़कों को साफ करने के लिए 390 जेसीबी, डोजर और टिपर तैनात किए गए हैं. साथ ही, विभाग आज एक नंबर जारी करेगा जिस पर लोग सड़क से संबंधित समस्याओं की रिपोर्ट कर सकेंगे.
यात्रियों के लिए जारी हुए एडवाइजरी राज्य में हो रही लगातार बारिश के मद्देनजर यातायात और पर्यटन पुलिस ने सोमवार को एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और नदियों और नाले वाले स्थानों पर नहीं जाने को कहा है. इसी के साथ, एडवाइजरी में लोगों को राफ्टिंग सहित अन्य वॉटर स्पोर्ट्स में शामिल होने से बचने के लिए कहा गया. इसके अलावा, एडवाइजरी में कहा गया है कि ऊपरी शिमला क्षेत्रों, किन्नौर, मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और चंबा जिलों की यात्रा करने से पहले यात्रियों को जानकारी प्राप्त करनी चाहिए.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम लगेज पॉलिसी लेकर आए हैं, जब भी हम कुछ लागू करते हैं, तो हमें सुझाव मिलते हैं, जनता की मांग थी कि दूध और सब्जी का उत्पादन करने वाले या सप्लाई करने वाले किसानों को हमारी बसों में रियायत दी जाए, हमने उनकी मांग को स्वीकार किया और दूध और सब्जी सप्लायरों के लिए टिकट हटा दिए हैं.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एहतियाती उपायों की समीक्षा के लिए सचिवालय में हाईलेवल बैठक बुलाई. इस दौरान भारी बारिश की संभावना वाले क्षेत्रों में NDRF और SDRF की टीमों को तैनात करने का निर्देश दिया. कुल 17 टीमों को तैनात किया गया है, इसमें चेन्नई, तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम और कुड्डालोर और तंजावुर जिले शामिल हैं.
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