
Q&A- तीन नए क्रिमिनल रिफॉर्म बिल से एक आम आदमी के लिए क्या-क्या बदलेगा? 10 बड़े सवालों के जवाब
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लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी तीनों नए क्रिमिनल लॉ पास हो गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों सदनों में बिलों को पेश किया और कानून में बदलाव के बारे में पूरी जानकारी दी. अब राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद ये तीनों बिल कानून बन जाएंगे और देश में लागू हो जाएंगे.
लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी तीनों नए क्रिमिनल लॉ बिल पास हो गए हैं. संसद के दोनों सदनों ने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) बिल पारित किए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे'ऐतिहासिक' करार दिया है. उन्होंने कहा, ये कानून नागरिकों के अधिकारों को सर्वोपरि रखेंगे और महिलाओं- बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे. ऐसे में जानते हैं कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) से लेकर भारतीय न्याय संहिता तक (BNS) के सफर में क्या नया है, क्या बाहर हो गया या बदल दिया गया है...
राज्यसभा में तीनों विधेयकों की मंजूरी के बाद अमित शाह ने कहा, आज देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. आज भारत को अपना नया आपराधिक न्याय कानून मिल गया है. इस गौरवपूर्ण क्षण पर सभी भारतीयों को बधाई. संसद में पारित तीन विधेयक अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों की जगह लेंगे और स्वदेशी न्याय प्रणाली के दशकों पुराने सपने को साकार करेंगे. नई न्याय प्रणाली सभी को पारदर्शी और त्वरित न्याय देने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों से सशक्त होगी. इतिहास में पहली बार हमारे कानून आतंकवाद, संगठित अपराधों और आर्थिक अपराधों को परिभाषित करते हैं. कानून से बचने के हर रास्ते को रोकते हैं.
भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 में राजद्रोह से लेकर फर्जी खबरों और मॉब लिंचिंग तक में सजा के प्रावधान बदले गए हैं.
1. राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह, क्या सजा होगी?
आईपीसी में धारा 124A में राजद्रोह को लेकर प्रावधान किया गया है. इसमें दोषी को 3 साल से लेकर उम्रकैद की सजा का प्रावधान था. इस कानून को निरस्त कर दिया है. अब बीएनएस में राजद्रोह की जगह 'देशद्रोह' लाया गया है. इसकी व्यापक परिभाषा दी गई है. देशद्रोह में प्रावधान किया गया है कि देश के खिलाफ कोई नहीं बोल सकता है और इसके हितों को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. बीएनएस में धारा 150 में 'देशद्रोह' से जुड़ा प्रावधान है. इसमें कहा गया है कि 'भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य' को कानून के दायरे में लाया जाएगा. बीएनएस में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 7 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नया कानून सरकार की आलोचना करने पर दंडित नहीं करेगा.
शाह ने कहा, अब हम एक आजाद देश हैं. किसी व्यक्ति विशेष की आलोचना करने पर किसी को जेल नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन देश के खिलाफ कोई नहीं बोल सकता. जो लोग देश के खिलाफ बोलते हैं उन्हें जेल जाना चाहिए.

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