Punjab News: खेतों में भी वोट मांगने चले जाते हैं लेकिन जीतने के बाद लोगों को चंडीगढ़ बुलाते हैं, अब ऐसा नहीं चलेगा: भगवंत मान
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Punjab News: मुख्यमंत्री बनने से पहले ही AAP विधायक भगवंत मान ने पंजाब में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. उन्होंने प्रशासनिक जमावट और कसावट शुरू कर दी है और एक्शन लेने शुरू कर दिए हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री बनने जा रहे AAP नेता भगवंत मान ने प्रशासनिक कसावट और जमावट की कवायद शुरू कर दी है. उनका जोर है कि आम लोगों की समस्याओं का निपटारा उनके घरों पर ही होना चाहिए, न कि राजधानी चंडीगढ़ में. शनिवार को मान ने कहा कि वोट मांगने हम डोर-टु-डोर जाते हैं. खेतों के बीच कोई घर हो तो वहां भी चले जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद उन्हीं मतदाताओं से कहते हैं कि चंडीगढ़ आ जाओ. आम आदमी पार्टी सरकार की कोशिश रहेगी कि लोगों के काम उनके घर पर हों. कम से कम लोगों को ही राजधानी जाना पड़े.
भगवंत मान ने कहा, हम अच्छा काम करेंगे, तो ऐतिहासिक फैसले होंगे. पंजाब में अच्छे ऑफिसर्स बहुत हैं. उनसे पहले काम नहीं करवाया गया, क्योंकि नीयत साफ नहीं थी. अब साफ नीयत वाली सरकार आ गई है, तो अच्छे फैसले होंगे.
122 पुराने मंत्रियों और विधायकों की सिक्योरिटी हटाने के सवाल पर भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में थाने खाली पड़े हैं और नेताओं के घर के सामने तंबू लगाकर सिक्योरिटी की जा रही है. हम पुलिस से पुलिस वाला काम लेंगे. 2.75 करोड़ लोगों की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है. हम ऐसे ही करेंगे, मैं भी खुद ऐसे ही रहता हूं. पता हो कि सीएम बनने से पहले एक्शन में आए मान के निर्देशों पर पंजाब सरकार ने राज्य के बड़े नेताओं, वीवीआईपी और कई दिग्गजों से सरकारी सुरक्षा छीन ली है.
पंजाब: मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले एक्शन में भगवंत मान, VVIP की सिक्योरिटी पर चली कैंची
उधर, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब दौरे पर हैं. इस दौरान केजरीवाल और भगवंत मान समेत AAP नेता रविवार को अमृतसर में दरबार साहिब में माथा टेकेंगे. फिर दुर्गियाना मंदिर भी जाएंगे, जहां वाल्मीकि भगवान ने लवकु-श को शिक्षा दी थी.
बता दें कि पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 92 सीटें जीती हैं और वह इस बहुमत से सरकार बनाने जा रही है. इस चुनाव में कांग्रेस 18 सीटें मिलीं और शिरोमणि अकाली दल को 3 और बीजेपी को 2 और बसपा को महज 1 सीट पर संतोष करना पड़ा. जबकि निर्दलीय के खाते में एक सीट आई.
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