
Punjab Assembly Elections 2022: 68 सीटों पर सीधा असर, 35 पर खेल बिगाड़ने का माद्दा, पंजाब में ऐसा है डेरों का रुतबा
ABP News
Deras in Punjab: पंजाब में 6 ऐसे डेरे हैं, जिनके न सिर्फ लाखों-करोड़ों लोग अनुयायी हैं बल्कि इनका राजनीति रसूख भी है. पंजाब में एक चौथाई आबादी किसी न किसी डेरे से ताल्लुक रखती है.
Punjab Assembly Election: पंजाब में चुनावी फसल कटने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है. 20 फरवरी को 117 विधानसभा सीटों के लिए वोट पड़ेंगे और 10 मार्च को पता चल जाएगा कि मुख्यमंत्री की गद्दी किसके हाथ लगी है. अगर आप सोचते हैं कि पंजाब की सियासत सिर्फ पार्टियों या जातीय समीकरण पर टिकी है तो ऐसा नहीं है. सूबे की राजनीति में डेरों का अच्छा खासा प्रभाव है.
सिख धर्म के अलावा पंजाब में विभिन्न धार्मिक संप्रदाय हैं, जिन्हें डेरा कहा जाता है. इन्हें अक्सर संस्थागत धर्म का गरीब चचेरा भाई कहा जाता है. ये डेरे उदार सांस्कृतिक परंपरा की उपज हैं और बहुलता के अस्तित्व और धार्मिक पहुंच के प्रतीक रहे हैं. ऐतिहासिक नजरिए से देखें तो इनके उभरने को सिख धर्म के उभार से जोड़ा गया. इसके बाद जो नामी डेरे अस्तित्व में आए वो थे-नानकपंथी, सेवापंथी, निर्मल, उदासी इत्यादि. लेकिन ये समकालीन डेरे सिख धर्म की कोई शाखा नहीं हैं. डेरे लंबे समय से पंजाब में धार्मिक आस्था का केंद्र बने हुए हैं. यहां डेरा प्रमुख होते हैं, जिन्हें बाबा या गुरुदेव इत्यादि कहा जाता है.