Presidential Elections: विपक्ष उतारेगा संयुक्त उम्मीदवार, कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी ने खड़गे को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
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Presidential Election: राष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में बातचीत के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे शरद पवार से मिल चुके हैं. उन्होंने भी इसके लिए हामी भर दी है. खड़गे ने आगे कहा कि इस बारे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, डीएमके और टीएमसी नेताओं से मुलाकात कर बैठक की तारीख तय की जाएगी.
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है. नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है. 18 जुलाई को चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे. तारीख का ऐलान होने के बाद अब पक्ष और विपक्ष के उम्मीदवारों के नाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए उम्मीदवार के नाम के बारे में विचार करने के लिए कहा है. खड़गे ने बताया कि सोनिया ने उन्हें अन्य पार्टियों से बात करने के बाद एक उम्मीदवार तय करने के लिए कहा है. खड़गे इस सिलसिले में शरद पवार से भी मिल चुके हैं. उन्होंने भी इसके लिए हामी भर दी है. खड़गे ने आगे कहा कि इस बारे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, डीएमके और टीएमसी नेताओं से मुलाकात कर बैठक की तारीख तय की जाएगी.
वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर बतानी होगी पसंद
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. चुनाव में वोटिंग के लिए विशेष इंक वाला पेन मुहैया कराया जाएगा. वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर पसंद बतानी होगी. पहली पसंद ना बताने पर वोट रद्द हो जाएगा. कल होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भी चुनाव आयोग कलम देगा.
राज्यसभा के महासचिव होंगे चुनाव प्रभारी
इस दौरान राजनीतिक दल कोई व्हिप नहीं जारी कर सकते हैं. संसद और विधानसभाओं में वोटिंग होगी. राज्यसभा के महासचिव चुनाव प्रभारी होंगे. इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के भी निर्देश दिए गए हैं.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.